कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए इसे बीजेपी की ‘संकुचित सोच’ का उदाहरण बताया और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद किया।
नाम बदलने का सिलसिला जारी
बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब राजस्थान की बीजेपी सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं या इमारतों के नाम बदले हैं। इससे पहले भी कई योजनाओं के नामों में बदलाव किया जा चुका है। उदाहरण के तौर पर, कांग्रेस सरकार की ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना’ का नाम बदलकर ‘पन्नाधाय बाल गोपाल योजना’ किया गया, ‘इंदिरा गांधी उड़ान योजना’ का नाम ‘कालीबाई भील उड़ान योजना’ हो गया और छात्राओं को दी जाने वाली साइकिल का रंग भी बदल दिया गया। इसके अलावा, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना को स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप और इंदिरा रसोई को अन्नपूर्णा रसोई के नाम से जाना जा रहा है।
टीकाराम जूली ने बीजेपी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस नाम परिवर्तन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारतीय उपमहाद्वीप में शान्ति स्थापित करने के लिए शहीद होने वाले हमारे महान नेता राजीव गांधी के नाम पर रखे गए नाम को बदलना भाजपा की संकुचित सोच का उदाहरण है। मैं इसकी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि शिक्षा संकुल का नाम बदलने का यह भाजपा सरकारों का दूसरा प्रयास है। पहले शिक्षा संकुल की स्थापना के समय इसका नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर भारत के शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए किया गया था क्योंकि उनके कार्यकाल में नई शिक्षा नीति आई एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरुआत जैसा क्रांतिकारी काम हुआ। शिक्षा मंत्रालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी राजीव गांधी के कार्यकाल में बनाया गया। तब भी भाजपा सरकार आने पर इसका नाम बदल दिया गया।
टीकाराम जूली ने कहा कि अब शिक्षा संकुल के एक ब्लॉक का नाम राजीव गांधी के नाम पर था जिसका नाम भी अब बदल दिया गया। ऐसा लगता है भाजपा सरकार को अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है कि वह 5 साल में कोई नया निर्माण कार्य नहीं कर सकेंगे इसलिए पुराने कार्यों के ही नाम बदलते जा रहे हैं।
क्यों बदला गया नाम?
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी सरकार का तर्क है कि वे ऐतिहासिक और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों के नाम पर योजनाओं और इमारतों का नामकरण कर रहे हैं। अहिल्या बाई होलकर, जिनके नाम पर भवन का नया नाम रखा गया है, मराठा साम्राज्य की एक महान शासिका थीं, जिन्हें उनके प्रशासनिक कौशल और समाज सुधारों के लिए जाना जाता है। सरकार का कहना है कि यह कदम स्थानीय और ऐतिहासिक नायकों को सम्मान देने की दिशा में उठाया गया है।