राजस्थान का बेटा, यूपी का सेवक
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के मूल निवासी राजेंद्र पेंसिया ने अपने जीवन में कई संघर्षों के बाद यह मुकाम हासिल किया है। बेहद सरल स्वभाव और जमीनी सोच रखने वाले पेंसिया ने कभी तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी। लेकिन सपना था प्रशासनिक सेवा में जाना और वह सपना आखिरकार वर्ष 2015 में UPSC में 345वीं रैंक लाकर पूरा किया। आज वे IAS अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश में अपनी कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
स्कूल में पढ़ाया, खेत में फसल काटी
हाल ही में डॉ. पेंसिया बेहजोई ब्लॉक के खजरा खाकम गांव में एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां बच्चों को पढ़ाने के बाद, उन्होंने बगल के खेत में गेहूं काट रहे किसानों को देखा और खुद दरांती उठाकर फसल कटाई में जुट गए। खेत में काम करते हुए उन्होंने किसानों से बात की, उनकी समस्याएं सुनी और फसल बीमा योजना की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि त्रिकोणीय विधि से फसल की कटाई करके फसल उत्पादकता का औसत निकाला जाता है, जिसे शासन को रिपोर्ट किया जाता है।
लोगों के दिलों पर कर रहे हैं राज
IAS पेंसिया न सिर्फ प्रशासक हैं, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं। वे स्कूलों में जाकर पढ़ाई करवाते हैं, गांवों में पैदल घूमकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं और हर वर्ग से सीधा संवाद करते हैं। गांव-देहात में प्रशासनिक सेवा को जीवंत बनाना, यही उनका असली उद्देश्य है। श्रीगंगानगर के हैं निवासी राजेंद्र पेंसिया
संभल डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया राजस्थान के श्रीगंगानगर के मूल निवासी हैं। राजेंद्र पेंसिया ने बीकॉम तक की पढ़ाई की। वर्ष 2005 में वह तृतीय श्रेणी शिक्षक बन गए। शिक्षक बनने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में भाग लिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। राजेंद्र पेंसिया ने राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की।
राजेंद्र पेंसिया का चयन बीडीओ के लिए हो गया। बीडीओ बनने के बाद राजेंद्र पेंसिया लगातार आरएएस में बैठते रहे। वर्ष 2011 में आरएएस परीक्षा में उन्हें आठवीं रैंक मिली। SDM बनने के बाद भी वह यूपीएससी के लिए मेहनत करते रहे। राजेंद्र पेंसिया ने चार बार आईएएस ऑफिसर बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन चारों बार ही यह असफल रहे। आखिरकार पांचवीं बार उन्हें सफलता मिली। वर्ष 2015 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 345वीं रैंक हासिल की। यूपी कैडर में उनकी नियुक्ति 2016 में हुई।