दरअसल, राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग (DOP) की वेबसाइट से IAS, IPS, IFS और RAS अधिकारियों के मोबाइल नंबर हटाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक तबादलों के बाद फिर से वेबसाइट पर मोबाइल नंबर की लिस्ट अपडेट की जाएगी।
वहीं, ये भी बताया जा रहा है कि सरकार का फोकस प्रशासनिक कसावट और सुशासन को प्राथमिकता देने पर है, जिसके तहत कई अहम पदों पर अधिकारियों की अदला-बदली की जा सकती है। इस बार के फेरबदल को बजट बाद का सबसे बड़ा प्रशासनिक कदम माना जा रहा है।
टॉप लेवल पर भी हो सकते हैं बड़े बदलाव
सूत्रों की मानें तो प्रिंसिपल सेक्रेटरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) स्तर के टॉप अधिकारियों के तबादलों पर भी विचार किया जा रहा है। संभावित बदलावों में ये नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि शिखर अग्रवाल को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं, अखिल अरोड़ा को ACS to CM की भूमिका सौंपी जा सकती है। आनंद कुमार को वन एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा ACS अभय कुमार सिंह को भी अहम भूमिका मिल सकती है। इसके अलावा चिकित्सा विभाग में चल रही उठापटक के चलते विभाग की मुख्य सचिव, अतिरिक्त सचिव सहित टॉप अधिकारियों को हटाया जा सकता है। इसकी भी तैयारी सीएमओ स्तर पर चल रही है। वहीं, शिक्षा विभाग में भी तबादले की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इन नियुक्तियों को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन CMO स्तर पर मंथन पूरा हो चुका है।
RAS-RPS अधिकारियों पर भी नजर
सूत्रों के अनुसार, कई जिलों के कलेक्टर, एसपी और एडिशनल एसपी के तबादले लगभग तय माने जा रहे हैं। इसके अलावा RAS और RPS अधिकारियों की एक साल की परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर भी तबादले की तैयारी चल रही है। सरकार सभी विभागों से इनपुट लेकर अंतिम सूची तैयार कर रही है। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यह फेरबदल केवल पदों की अदला-बदली नहीं बल्कि प्रशासनिक दक्षता और फील्ड में सुशासन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। बता दें, ब्यूरोक्रेसी में यह हलचल ऐसे समय हो रही है जब सरकार परफॉर्मेंस बेस्ड प्रशासनिक मॉडल को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
पहले भी हो चुके हैं बड़ी संख्या में तबादले
गौरतलब है कि पिछले बजट सत्र के बाद भी सरकार ने बड़ी संख्या में अधिकारियों के तबादले किए थे, जिसमें पुलिस, प्रशासन और नगरीय निकाय के अफसरों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब एक बार फिर तबादलों की लंबी सूची सामने आने वाली है, जिससे ब्यूरोक्रेसी में नई ऊर्जा और संतुलन की उम्मीद की जा रही है।