दरअसल, भाजपा ने हाल ही में संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन अभी चार जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा नहीं हुई है। इसके अलावा राज्य में सभी बूथ अध्यक्षों का भी गठन नहीं हो सका है और मंडल कमेटियों का निर्माण अधूरा है। सूत्रों के अनुसार, अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक सभी मंडल और जिला कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
बता दें, नई कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए अधिवासी, दलित, ओबीसी और युवा नेताओं को प्राथमिकता दी जा सकती है।
नई प्रदेश कार्यकारिणी में होंगे बड़े बदलाव
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी का ऐलान अप्रैल 2025 में हो सकता है। इस नई टीम में 50 फीसदी से अधिक पुराने नेताओं को हटाया जा सकता है और संगठन में युवा व नए चेहरों को प्रमुखता मिलने की संभावना है। हाल ही में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी, जिसमें राजस्थान के संगठन, आगामी रणनीतियों और राज्य के विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इसे राजस्थान भाजपा के भविष्य के राजनीतिक और संगठनात्मक बदलावों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बैठक माना जा रहा है।
किन मौजूदा नेताओं की विदाई तय?
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी में कई मौजूदा वरिष्ठ नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। बाहर होने वाले संभावित नेताओं में प्रमुख नाम चुन्नीलाल गरासिया (वर्तमान में राज्यसभा सांसद), सी.आर. चौधरी (वर्तमान में किसान आयोग के अध्यक्ष), दामोदर अग्रवाल (भीलवाड़ा से सांसद), ओमप्रकाश भड़ाना (देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष), श्रवण सिंह बगड़ी और संतोष अहलावत (नए पद की संभावना) और मुकेश दाधीच (संभावित रूप से किसी बोर्ड या आयोग में सदस्य नियुक्त हो सकते हैं) इसके अलावा, प्रदेश मंत्रियों में से भी 13 में से अधिकतर को हटाए जाने की संभावना है।
कौन से नेता बरकरार रह सकते हैं?
वहीं, प्रदेश भाजपा संगठन में कुछ अनुभवी नेताओं को बनाए रखने की संभावना है, जो संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। इनमें से संभावित रूप से बरकरार रहने वाले नेताओं में प्रमुख नाम सरदार अजयपाल सिंह (प्रदेश उपाध्यक्ष), बाबा बालकनाथ (प्रदेश उपाध्यक्ष), प्रभुलाल सैनी (प्रदेश उपाध्यक्ष), ज्योति मिर्धा (प्रदेश उपाध्यक्ष), जितेंद्र गोठवाल (प्रदेश महामंत्री) और मोतीलाल मीणा (संभावित प्रदेश महामंत्री, पहले भी इस पद पर रह चुके) हैं।
नई टीम में कौन होंगे नए चेहरे?
भाजपा के संगठन विस्तार में कई युवा और नए चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा है। इनमें से संभावित नए चेहरो में हरिराम रणवा (शेखावाटी अंचल से, पूर्व किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष), सुशील कटारा (आदिवासी नेता, डूंगरपुर-बांसवाड़ा क्षेत्र से), अपूर्वा सिंह (महिला नेता), मधु कुमावत (महिला नेता) शामिल हैं।
BJP कर रही है 2028 की तैयारी?
गौरतलब है कि राजस्थान में 2028 में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा अभी से अपनी रणनीति को मजबूत करने में जुट गई है। मदन राठौड़ का कार्यकाल भी फरवरी 2028 तक रहेगा, ऐसे में संगठन को मजबूत नेटवर्क और क्षेत्रीय स्तर पर सशक्त करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस बार भाजपा युवा और जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाने, बूथ स्तर तक मजबूत पकड़ बनाने और आदिवासी व दलित समुदाय को जोड़ने पर विशेष फोकस कर रही है।