ऐसा पहली बार हुआ है कि पंद्रह दिन में ही छह दौरे कर दिए पीएम मोदी ने राजस्थान में, उनमें एक रोड शो भी शामिल रहा। पीएम ने पहली सभा 2 अप्रैल को कोटपूतली में की। उसके बाद पांच जून को वे चूरू आए। छह अप्रेल को अजमेर के पुष्कर में और 11 अप्रेल को करौली में उनकी सभा में भारी भीट जुटी। उसके बाद दौसा में पहली बार पीएम का रोड शो हुआ। साथ ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह राजस्थान में सक्रिय रहे। वे 31 मार्च को राजस्थान में दो दिवसीय दौरे पर आए। जयपुर में बीजेपी नेताओं की बैठक ली। उसके बाद सीकर में रोड शो किया। फिर जोधपुर में बीजेपी वालों की बैठक ली। अलवर में जन सभा की और फिर जयपुर मेंं रोड शो किया। बीकानेर में भी भाजपा नेताओं की बैठक ली।
पीएम मोदी के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने झालावाड़ और श्रीगंगानगर में जनसभा को संबोधित किया। वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बीकानेर और झुंझुनूं में जनसभा हुई। इनके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीकानेर, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने जयपुर में प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित किया था। वहीं, बीजेपी की ओर से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भरतपुर, दौसा और सीकर लोकसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने अलवर ,झुंझुनूं, सीकर और जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्रों में जनसभा की। इन सभी सीटों पर से सिर्फ गंगानगर सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई हैं। सीएम भजन लाल ने भी प्रदेश भर में करीब पचास दौरे, कार्यक्रम और सभाएं कीं। साथ ही किरोड़ी लाल मीणा भी पूरे चुनाव में सक्रिय नजर आए।
इतने नेताओं की मौजूदगी भी वोटर्स को लुभा नहीं सकी। साल 2019 की तुलना में करीब पांच फीसदी तक मतदान गिरा है। पार्टियों के लिए…. खासतौर पर भाजपा के लिए यह चिंता का विषय है। इसी कारण से अब दोनो ही पार्टियों के नेता 26 अप्रेल को होने वाले चुनाव से पहले अपनी रणनीति बदलने की तैयारी में हैं।