Holika Dahan Muhurta in Rajasthan: देश में होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। भक्त प्रह्लाद की भगवान विष्णु में श्रद्धा और विश्वास पर आधारित है। इसके लिए राजस्थान के विभिन्न शहरों में भी तैयारियां पूरी हो गई है। चौक-चौराहों और गलियों में एक स्थान पर होलिका जलाने की व्यवस्था की गई है।
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में गुरुवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, धृति और शूल योग में होली का पर्व मनाया जाएगा। होलिका दहन का मुहूर्त रात 11.31 से रात 12.36 बजे तक रहेगा। इससे पहले दिन में सुबह 10.36 से रात 11.30 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा की अवधि 12 घंटे 51 मिनट की रहेगी। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रात्रि 11:31 बजे गोकाष्ठ से होलिका दहन किया जाएगा।
सात समुंदर पार से आते हैं लोग
देशभर में होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है। प्रदेश के पुष्कर, भरतपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और शेखावटी में अलग-अलग रीति-रिवाज व परंपराओं के साथ होली खेली जाती है। होली खेलने के लिए सात समुंदर पार से विदेशी सैलानी भी जुटते है। कहीं लठ्ठ होली, डोलची होली, कोड़ा मार होली खेली जाती है।