Jaipur Gangaur procession: राजस्थान की शाही परंपरा, लोक संस्कृति और आस्था का प्रतीक गणगौर महोत्सव 2025 इस बार और भी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया गया। हर बार की तरह त्रिपोलिया गेट से शाही लवाजमे के साथ गणगौर माता की निकली सवारी ने शहर को उत्सवमय बना दिया। इसमें देशी-विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ इस ऐतिहासिक सवारी को देखने के लिए उमड़ी और राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नजदीक से अनुभव किया।
पहली बार सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेशभर में लगी 200 एलईडी स्क्रीन्स के माध्यम से गणगौर महोत्सव का सीधा प्रसारण किया गया। जिससे श्रद्धालु भी इस आयोजन का हिस्सा बन सके और खुद सवारी में सम्मिलित नहीं हो पाए।
पद्मनाभ सिंह ने की पूजा-अर्चना
इस मौके पर जयपुर के पूर्व राजपरिवार की महिला सदस्यों ने जनानी ड्योढ़ी में विधि-विधान से गणगौर माता की पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात गणगौर माता की सवारी निकली, जिसे पूर्व राजपरिवार के प्रमुख सवाई पद्मनाभ सिंह ने त्रिपोलिया गेट पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद नगर परिक्रमा के लिए रवाना किया। माता के स्वागत में श्रद्धालुओं ने ‘भंवर म्हाने पूजण दे गणगौर’ और ‘खोल ऐ गणगौर माता खोल किवाड़ी’ जैसे लोकगीतों की गूंज से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
कल भी निकलेगी सवारी
गणगौर महोत्सव के तहत 31 मार्च और 1 अप्रैल को गणगौर की शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस बार शोभायात्रा में लोक कलाकारों की संख्या को 150 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया। इसके साथ ही सजी-धजी पालकियों, ऊंटों, घोड़ों और हाथियों के लवाजमे को और अधिक भव्य बनाया गया है। सिटी पैलेस से निकलने वाले शाही लवाजमे की संख्या में भी 50 फीसदी की वृद्धि की गई है।