scriptपेरेंट्स ध्यान दें… टिफिन में भूलकर भी ना रखें ऐसा खाना, बच्चे पड़ सकते बीमार | Education Department issued advisory in Rajasthan, do not keep fast food in the tiffin of school children | Patrika News
जयपुर

पेरेंट्स ध्यान दें… टिफिन में भूलकर भी ना रखें ऐसा खाना, बच्चे पड़ सकते बीमार

विभाग ने कहा है कि बच्चों को टिफिन में हल्का और ताजा भोजन दें, ताकि टिफिन में खाना खराब न हो। इसके लिए विभाग ने स्कूलों को कहा है कि वे कैंटीन में हेल्दी फूड हर पराेसें।

जयपुरApr 25, 2024 / 10:08 am

Anil Prajapat

जयपुर। गर्मी दिनों-दिन असर दिखा रही है। राजधानी जयपुर में पारा 40 डिग्री के करीब तक पहुंच रहा है। स्कूली बच्चों पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। अस्पतालों में बच्चों के उल्टी-दस्त के केस बढ़ गए हैं। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने बुधवार को अभिभावकों और स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी है। विभाग ने नसीहत दी है कि अभिभावक स्कूली बच्चों के टिफिन में फास्ट फूड न रखें।
विभाग ने कहा है कि बच्चों को टिफिन में हल्का और ताजा भोजन दें, ताकि टिफिन में खाना खराब न हो। इसके लिए विभाग ने स्कूलों को कहा है कि वे कैंटीन में हेल्दी फूड हर पराेसें। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल के संस्था प्रधानों को भी निर्देश दिए हैं कि लंच के समय खाना गर्म और ताजा ही परोसा जाए। इसके अलावा प्रभारी शिक्षक भोजन परोसने से पहले उसकी जांच जरूर करें।

अस्पताल में 30 फीसदी केस गर्मी के असर से

राजधानी के जेकेलाेन अस्पताल में 30 फीसदी केस गर्मी के असर से होने वाली बीमारियों के आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि फूड पॉइजनिंग के कारण ऐसा हो रहा है। अस्पताल में रोज 1,500 तक मरीजों का आउटडोर होता है। इनमें 30 फीसदी केस उल्टी-दस्त के आ रहे हैं।
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चिकित्सा विभाग ने भी जारी कर चुका निर्देश

गर्मी को देखते हुए चिकित्सा विभाग भी दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह ने संबंधित विभागों को एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। राजकीय और निजी अस्पतालों के साथ ही अन्य संस्थानों में फायर ऑडिट व फायर एनओसी के कार्य को अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्कूलों में नो-बैग-डे के अवसर पर विभिन्न इंफॉर्मेशन एजुकेशन कम्युनिकेशन (आइईसी) गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को गर्मीजनित बीमारियों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।

हालात हैं ये

राजधानी के अधिकतर निजी स्कूलों में यह हालात हैं कि कैंटीन में फास्ट फूड ही परोसा जाता है। शिक्षा विभाग की ओर से समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। इसके बाद भी शिक्षा अधिकारियों की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती।
तापमान बढ़ने के साथ बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इससे खाना दूषित होने की आशंका रहती है। इसके सेवन से पेट संबंधी विकार उत्पन्न हो जाते हैं। सामान्यत अगर बच्चों के टिफिन में फास्ट फूड रखा जाए तो वह जल्दी दूषित होता है। कारण है कि फास्ट फूड में जो प्रोडक्ट काम में लिए जाते हैं वे हेल्दी नहीं होते। बच्चों में फूड पॉइजनिंग की आशंका भी रहती है।
डॉ. सुधीर महर्षि, गेस्ट्रो एंट्रोलॉजिस्ट, एसएमएस अस्पताल

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