द्रव्यवती: सुंदरता गई पानी में…5 साल में 100 कुएं सूखे…भू-जल स्तर बढ़ाने पर मंथन
सौंदर्यन पर 1600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बाद भी द्रव्यवती नदी के किनारे जल स्तर गिर रहा है। इसी कारण कुएं भी सूखने लगे हैं। द्रव्यवती नदी की सतह को पक्का किया, इससे भू-जल स्तर गिरना शुरू हो गया। हालांकि, रिपोर्ट में बहाव क्षेत्र को पक्का करने के अलावा कई और भी […]


सौंदर्यन पर 1600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बाद भी द्रव्यवती नदी के किनारे जल स्तर गिर रहा है। इसी कारण कुएं भी सूखने लगे हैं। द्रव्यवती नदी की सतह को पक्का किया, इससे भू-जल स्तर गिरना शुरू हो गया। हालांकि, रिपोर्ट में बहाव क्षेत्र को पक्का करने के अलावा कई और भी कारण बताए हैं। जेडीए ने जो रिपोर्ट तैयार करवाई है वो सांगानेर ब्लॉक की है। इस रिपोर्ट पर गौर करें तो पिछले पांच वर्ष में सांगानेर ब्लॉक के करीब 100 कुएं सूख गए।
रिपोर्ट मेे जेडीए को सुझाव दिया गया कि जलस्तर बढ़ाने के लिए 20 मीटर गहरे 63 स्ट्रक्चर बनाए जाएं। जरूरत पडऩे पर पानी को जमीन में रिचार्ज करने के लिए 10 से 15 कुएं और खोदे जाएं। नदी के बहाव क्षेत्र में 80 चैक डेम पर (4 गुणा 30 आकार में) कंक्रीट डाली जाए। इससे पानी जमीन में जाएगा।
…फिर हरकत में आया जेडीए
कुछ माह पहले सांगानेर के प्रबुद्धजनों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की थी। लोगों ने मुख्यमंत्री को नदी के आस-पास भू-जल स्तर गिरने की जानकारी दी। सीएम के निर्देश के बाद जेडीए सक्रिय हुआ।
जलदाय विभाग ने भी करवाया था सर्वे
वर्ष 2019 में जब नदी किनारे लगे ट्यूबवेल से पानी कम आना शुरू हुआ तो जलदाय विभाग ने भी सर्वे करवाया। उस समय गुर्जर की थड़ी और सुशीलपुरा क्षेत्र में भू-जल स्तर की जांच की गई थी। उसमें सामने आया था कि कई ट्यूबवैल का पानी आधा ही रह गया था।
इस तरह सूखे कुएं
वर्ष संख्या
2015 18
2017 18
2020 23
2023 24
ये भी आया सामने
-नदी के किनारे जो पांच सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित हैं, वे शोधन मानकों के अनुरूप कर रहे हैं।
-सांगानेर की प्रिंटिंग इकाइयों और अन्य उद्योगों से बिना शोधित गंदा पानी सीधे नदी में जा रहा है।
-मानसून के दौरान नदी के बहाव क्षेत्र में गाद, ठोस अपशिष्ट जमा होने से पानी को तल में जाने के दौरान दिक्कत होती है।
जलस्तर गिरने के ये कारण भी बताए
नदी को पक्का करने के कारण ही जलस्तर नहीं गिरा है। इसके और भी कारण गिनाए हैं।
-फसलों की सिंचाई के लिए ट्यूबवैल से पानी निकालना।
-नगर निगम का पार्कों की सिंचाई के लिए ट्यूबवैल से पानी निकालना।
-जलदाय विभाग व निजी सम्पत्ति मालिक ट्यूबवैल के माध्यम से पानी निकाल रहे हैं।
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