IIFA-2025: सीटों पर कब्जा, मचती रही अफरा-तफरी, कई हुए चोटिल, हजारों-लाखों रुपए के टिकट लेने के बाद भी नहीं मिली पार्किंग
Jaipur News: सीट तक पहुंचने के लिए वहां गाइड करने के लिए भी पूरे कर्मचारी नहीं थे। प्रवेश द्वार से सीट तक पहुंचने के समय इतनी अफरा-तफरी और अव्यवस्थाएं थीं कि कई लोग गिरकर चोटिल भी हो गए।
IIFA Awards 2025: राजधानी में आयोजित आईफा-25 में भारी तामझाम के बावजूद आम दर्शकों के लिए पूरे इंतजाम नहीं किए गए। आयोजकों का पूरा ध्यान सिने स्टार और सरकार की आवभगत में ही लगा रहा। 8 और 9 मार्च को देर रात अवॉर्ड समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे हजारों लोग अपने वाहन पार्क करने, संबंधित ब्लॉक में अपनी सीट ढूंढने के लिए परेशान होते रहे। टिकट और एंट्री पास पर सीट नंबर लिखकर दिए गए थे। लेकिन ब्लॉक में सीटों पर जो पहले पहुंचा, उसी ने कब्जा कर लिया। सीट तक पहुंचने के लिए वहां गाइड करने के लिए भी पूरे कर्मचारी नहीं थे। प्रवेश द्वार से सीट तक पहुंचने के समय इतनी अफरा-तफरी और अव्यवस्थाएं थीं कि कई लोग गिरकर चोटिल भी हो गए।
लोगों से टिकट के पैसे तो पूरे लिए गए, मगर उन्हें पार्किंग की समुचित सुविधा नहीं दी गई। कार्यक्रम शुरू होते ही आस-पास की सड़कें वाहनों से अट गई। कार्यक्रम में पास और टिकट लेकर पहुंचे लोग आधे से एक घंटे तक अपने चौपहिया वाहन को लेकर इधर से उधर घूमते रहे। लोगों को एक से डेढ़ दो किलोमीटर चलकर कार्यक्रम स्थल तक जाना पड़ा। इस दौरान उनके वाहन की सुरक्षा को लेकर कोई जिम्मेदार नहीं था। हद तो तब हुई जब रात को वाहन वापस लेने जाने पर वहां मौजूद कुछ लोग उनसे पार्किंग के लिए पैसे भी मांगने लगे।
दोनों दिन रात्रि 8 से सुबह 3-4 बजे तक यानि 7 से 8 घंटे तक का लंबा कार्यक्रम था। हजारों लोग वहां मौजूद थे, जिनमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। लेकिन अंदर ब्लॉक में खाने-पीने की चीजों के पूरे इंतजाम नहीं थे। अंदर कुछ स्टॉल थीं। लेकिन उनके दाम बहुत ज्यादा थे। पानी का एक गिलास भी शुरुआत में 100 रुपए का खरीदना पड़ रहा था।
एयरपोर्ट पर भी नहीं थे पुख्ता इंतजाम
एयरपोर्ट पर सिने सितारों के आने-जाने के समय सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। प्रशंसक इतनी संख्या में पहुंच गए कि उन पर नियंत्रण भी नहीं किया गया। कई लोग बैरिकेड्स पर चढ़कर फोटो लेते रहे। वहां हालात सामान्य बस स्टैंड जैसे हो गए।
अव्यवस्थाएं ऐसी भी
जैसे ही कलाकारों की परफॉर्मेंस शुरू होती, आगे बैठे लोग सीटों पर खड़े हो रहे थे। जिन पर नियंत्रण के लिए इंतजाम नहीं थे। इसके कारण पीछे के ब्लॉक में लोग कलाकारों की परफॉर्मेंस अच्छे से नहीं देख पा रहे थे। सैकड़ों कुर्सियां खाली थीं, जबकि कार्यक्रम के लिए टिकट और पास की भारी मांग थी। जांच के नाम पर कई जगह भीड़ एकत्रित कर रखी थी, जिसके कारण अव्यवस्था ऐसी थी कि लोग कई बार गिरे और चोटिल हो गए। एक से अधिक जगह चैकिंग के इंतजाम के कारण प्रवेश व्यवस्था जबरन जटिल बना दी गईं।