आबादी विस्तार से बढ़ी समस्या
ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने बताया कि निगम द्वारा हाई वोल्टेज लाइनें निर्जन स्थानों पर डाली जाती हैं, लेकिन आबादी विस्तार के कारण ये लाइनें आबादी क्षेत्र में आ जाती हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए जनहित में इन लाइनों को शिफ्ट करने का प्रावधान किया गया है।
132 केवी लाइन शिफ्टिंग का प्रावधान
राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 132 केवी और इससे अधिक वोल्टेज वाली लाइनों को शिफ्ट करने के लिए आवेदक को पूरी राशि वहन करनी होगी। इसके अलावा, लाइन शिफ्टिंग के लिए पथाधिकार (राइट ऑफ वे) की उपलब्धता और तकनीकी साध्यता के आधार पर ही कार्य किया जाएगा।
नियमों के अनुसार शिफ्टिंग प्रक्रिया
ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि विद्युत आपूर्ति नियम एवं शर्तें-2021 तथा उसके संशोधनों के अनुसार, आबादी क्षेत्र से गुजरने वाली 33 केवी क्षमता की लाइनों को शिफ्ट करने के लिए 50 प्रतिशत खर्च निगम और 50 प्रतिशत खर्च आवेदक या संस्था द्वारा वहन करने का प्रावधान है।