अभी भारतीय दवा निर्माता अमरीका में जेनेरिक दवा की जरूरत का 17% आपूर्ति करते हैं। इसमें
मध्यप्रदेश की अच्छी भागीदारी है। प्रदेश में 125 फार्मा कंपनियां(Pharma Sector हैं। इनमें
इंदौर व पीथमपुर में ही स्पेशल इकोनॉमी जोन (एसईजेड) की 60% कंपनियां दवा निर्यात कर रही हैं। टैरिफ वॉर(Tariff War) से बाहर भारतीय फार्मा सेक्टर के एक्सपोर्ट सेक्टर को और ज्यादा कारोबार की उम्मीद है।
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इंडियन ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन एमपी चैप्टर के वाइस प्रेसीडेंट अजयसिंह दासुंदी ने बताया, अमरीकी राष्ट्रपति ने 27% के टैरिफ से भारतीय फार्मा उद्योग को छूट दी है। भारतीय कंपनियां अमरीका में दवा आपूर्ति में अहम भूमिका निभाती हैं। भारतीय फार्मा बाजार 2024 में 65.20 अरब अमरीकी डॉलर था। 2030 तक 106.67 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह 8.75% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. दर्शन कटारिया ने बताया, अमरीका के लिए भारतीय कंपनियों से दवा लेना खासकर जेनेरिक में जरूरत भी है।
टेक्सटाइल कारोबार को भी मिलेगा बढ़ावा
टेक्सटाइल कारोबार को भी अमरीका में ज्यादा निर्यात की उम्मीद है। रेडिमेड व्यापारी एसो. अध्यक्ष संदीप वासुदेव ने बताया, भारतीय टेक्सटाइल पर 26% तो चीन पर 34, वियतनाम पर 46, बांग्लादेश पर 37, कंबोडिया पर 49, पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाया। इससे भारत के कारोबार में वृद्धि तय है।