कोरोना के बाद से खजराना मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंध है। आम श्रद्धालु दूर से ही देव दर्शन करते हैं लेकिन गोलू के बेटे अंजनेश व रुद्राक्ष आए दिन गर्भगृह में घुसकर पूजन करते हैं। देव प्रतिमा के नजदीक, जहां पुजारी खड़े होकर पूजा करते है, वहां खड़े हो जाते हैं। हद तो यह है कि प्रतिमा को स्पर्श करते हैं। इसका बकायदा फोटो और वीडियो सेशन भी करवाते हैं। सोशल मीडिया पर वाहवाही लूटने के लिए मंदिर की रील और फोटो शेयर करते हैं। विधायक के रसूख के चलते मंदिर प्रशासन कुछ नहीं कर पाता।
मालूम हो कि पिछले दिनों इंदौर में आयोजित सिंगर दलजीत दोसांझ के कन्सर्ट में भी गोलू के दोनों बेटे रुद्राक्ष व अंजनेश हंगामा कर चुके हैं।
महाकाल मंदिर में भी अंदर तक प्रवेश
देवास और इंदौर के मंदिरों के अलावा रुद्राक्ष और अंजनेश शुक्ला उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी वीआइपी ट्रीटमेंट लेते हैं। कोरोनाकाल में जब महाकाल मंदिर बंद रहता था, तब भी शुक्ला के बेटों ने मंदिर में पहुंचकर दर्शन कर विवाद खड़ा किया था। महाकाल मंदिर में वीआइपी प्रोटोकाल खुद तो लेते ही, साथ ही कई साथी युवक भी फायदा उठाते हैं। वीआइपी प्रोटोकाल के तहत ये लोग नंदी हॉल तक जाते हैं। कई बार इनके साथ लड़कों की भीड़ होती है।
गाड़ी पर लाल बत्ती-हूटर, नंबरों में झांकीबाजी
सरकार ने वीआइपी कल्चर बंद कर दिया है लेकिन गोलू के बेटे वीआइपी बनकर शहर में झांकीबाजी करते घूमते हैं। गाड़ियों का काफिला सायरन बजाते हुए निकलता है। इन गाड़ियों में नंबर प्लेट भी नियम विरुद्ध लगी हुई हैं। हूटर लगा रखे हैं। इतना ही नहीं, कई बार इनकी वाहनों पर लाल बत्ती भी लगी देखी जा सकती है। पुलिस-प्रशासनिक अफसर विधायक के रसूख के आगे नतमस्तक नजर आते हैं।
पीएम मोदी तक जाए शिकायत
इस हरकत की शिकायत ऊपर संगठन व पीएम मोदी तक जानी चाहिए। जिस तरह से बल्लेबाज को सबक मिला था, वैसे ही इनको भी मिलना चाहिए। – निश्चल
विधायक पुत्र पर हाथ डालने की हिम्मत किसी की नहीं है
गुंडागर्दी करने वाले विधायक पुत्र पर हाथ डालने की किसी में हिम्मत नहीं है। विधायक विपक्षी दल से होते तो उनके होनहार सुपुत्र जेल पहुंच गए होते। वैसे भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी साधारण लोगों पर जोर आजमाइश करते हैं। – वीरेंद्र
मंदिर धर्म से नहीं नेता पुत्रों की मर्जी से खुलता है
ऐसा लगता है, जैसे कि देवी मां का मंदिर धर्म से नहीं नेता पुत्रों की मर्जी से खुलेगा। – सम्यक अब कहां है RSS
कहां है आरएसएस, बजरंग दल, विहिप जैसे तमाम दल, अपने आपको हिंदू धर्मरक्षक कहते हैं।
-राहुल शर्मनाक घटना
वाकई में शर्मनाक है यह घटना।
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