33 मार्च को किया गया था बाबा साहेब के होलो बॉक्स का अनावरण
आंबेडकर स्मारक में 3 मार्च को बाबा साहेब के होलो बॉक्स का अनावरण किया गया था। होलो बॉक्स आमजन की संविधान से जुड़ी जिज्ञासाओं को दूर करने के लिए लगाया गया है। आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी के सचिव राजेश वानखेड़े ने बताया कि होलो बॉक्स के समक्ष 40 दिन में करीब 8 हजार से अधिक लोग बाबा साहेब से सवाल कर चुके है। यहां राज्यों और ग्रामीण परिवेश से आने वाले अनुयायी निजी जीवन से जुड़े सवाल भी करते है। इनके जवाब में एआइ सिस्टम से जवाब मिलता है- कृपया संविधान से जुड़े सवाल ही करें।
संविधान, अनुच्छेद और इतिहास की जानकारी
होलो बॉक्स से लोग देश के संविधान, इसके निर्माण, शामिल अनुच्छेद, इतिहास और इनसे जुड़ी अन्य जानकारियां हासिल कर सकते है। बॉक्स में एलईडी स्क्रीन पर बाबा साहब की डिजिटल प्रतिमा दिखाई पड़ती है, जो हाथों में देश का संविधान लिए होती है। बॉक्स पर एक कैमरा है, जो सामने खड़े अनुयायी को रिकार्ड करता है। अनुयायी को माइक में सवाल पूछना होता है। एलईडी स्क्रीन से बाबा साहब की डिजिटल प्रतिमा जवाब देती है।
सबसे ज्यादा बोला गया शब्द ‘जय भीम’
होलो बॉक्स की देखरेख में जुटे इंजीनियर्स ने बताया कि बॉक्स के समक्ष सबसे ज्यादा बोला गया शब्द ‘जय भीम’ रिकॉर्ड हुआ है। एलईडी स्क्रीन पर बाबा साहब की प्रतिमा दिखाई देने पर अनुयायी माइक के समीप पहुंचकर बाबा साहब को जय भीम का संबोधन कर आदर देते है।
महिला ने पूछा- बेटी को संतान कब होगी
रविवार को पहुंची महाराष्ट्र विदर्भ के मोरखंडी निवासी अंजीर बाई सोरकामने होलो बॉक्स पर बाबा साहेब की डिजिटल प्रतिमा देखकर भावुक हो गई। वह माइक के समीप पहुंची और धीरे से बोलीं- बाबा साहेब मेरी बेटी को संतान प्राप्ति कब होगी? इस सवाल का कोई जवाब नहीं आया। कर्मचारियों ने अंजीरबाई से कहा कि अम्मा, बाबा साहेब संविधान से जुड़े सवालों के ही जवाब देंगे, घर-परिवार के नहीं। अंजीरबाई जय भीम कहकर माइक से दूर हो गई। होलो बॉक्स संचालनकर्ताओं ने बताया कि हर दिन करीब 200 लोग बाबा से संवाद करते हैं।