Red wine और एंटीऑक्सीडेंट: क्या यह एक भ्रम था?
ब्राउन यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. यूनयॉन्ग चो के अनुसार, “रेड वाइन को एंटीऑक्सीडेंट जैसे कि रेसवेराट्रॉल के कारण अधिक सुरक्षित माना जाता था, लेकिन हमारे अध्ययन में इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला कि यह कैंसर के खतरे को कम करता है।”व्हाइट वाइन और महिलाओं में कैंसर का बढ़ता खतरा (White wine cancer study)
शोध के अनुसार, महिलाओं में व्हाइट वाइन का सेवन कैंसर के खतरे को अधिक बढ़ा सकता है। कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया कि व्हाइट वाइन पीने वालों में त्वचा कैंसर का खतरा 22% तक बढ़ सकता है। हालांकि, इसमें लाइफस्टाइल कारकों, जैसे कि सूर्य के संपर्क, की भी भूमिका हो सकती है। यह भी पढ़ें : नैनोटेक्नोलॉजी से Breast Cancer के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव
Red wine cancer risk : थोड़ा जोखिम, लेकिन नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
शोध में पाया गया कि रोज़ाना एक गिलास रेड वाइन पीने से कैंसर का खतरा 5% तक बढ़ सकता है। हालांकि, गहरी जांच में यह बढ़ोतरी सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं थी। फिर भी, यह स्पष्ट है कि शराब का सेवन किसी भी रूप में सुरक्षित नहीं कहा जा सकता।विशेषज्ञों की राय: शराब को सीमित करना ही बेहतर
परिवार चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. ब्रायन ब्लैक, जो इस अध्ययन से जुड़े नहीं थे, ने कहा, “यह धारणा कि रेड वाइन सुरक्षित है, अब चुनौतीपूर्ण हो गई है। मुख्य संदेश यही है कि शराब किसी भी रूप में जोखिम से मुक्त नहीं है।” कैंसर प्रिवेंशन अलायंस के प्रवक्ता ने भी इस पर अपनी राय देते हुए कहा, “इस अध्ययन ने कई आम मिथकों को तोड़ दिया है, लेकिन निष्कर्ष बिल्कुल स्पष्ट है – शराब का सेवन कम करना ही कैंसर के खतरे को कम करने का सबसे आसान तरीका है।