नई व्यवस्था के तहत सप्लीमेंट्री की पात्रता को भी खत्म किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इस योजना से जिले के 10 हजार 369 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इस संबंध में शासन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं।
साल में दो बार ली जाएंगी परीक्षाएं
जानकारी के अनुसार हर साल फरवरी, मार्च महीने में कक्षा दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं होती हैं। इसका रिजल्ट आने पर इसमें कई विद्यार्थियों को पूरक मिलती है तो कई फेल हो जाते हैं। इसके अलावा परीक्षा के दौरान बीमार होने या पारिवारिक कारणों के चलते परीक्षा देने से चूक जाते हैं। ऐसे विद्यार्थियों को फिर से परीक्षा देने के लिए एक साल तक परीक्षा देने का इंतजार करना पड़ता है। इसके लिए शासन ने विद्यार्थियों को एक साल में ही दूसरी बार परीक्षा देने की योजना शुरू की जा रही है। वहीं अभी तक एक, दो विषय में विद्यार्थियों को मिलने वाली पूरक यानी सप्लीमेंट्री के प्रावधान को भी खत्म किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा हायर सेकंडरी और हाईस्कूल की परीक्षाएं साल में दो बार ली जाएंगी। इसमें पहली परीक्षा में फेल हो चुके विद्यार्थी अब दूसरी बार परीक्षा देकर परिणाम सुधार सकेंगे। यह परीक्षा संभवत: दूसरी बार जुलाई, अगस्त में कराई जाएंगी।
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माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा बोर्ड की दो बार परीक्षाएं लेने के आदेश जारी किए हैं। इस निर्णय से विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिलेगा। क्योंकि कई छात्र-छात्राएं परीक्षा के दौरान बीमार होने या अन्य कारणों के चलते परीक्षा देने से वंचित रह जाते है या फिर परीक्षा में पेपर खराब आने से फेल हो जाते हैं। एक साल में दूसरी बार परीक्षा की व्यवस्था से बच्चों को शिक्षा में सुधार करने का मौका मिलेगा।- डीएस रघुवंशी, डीईओ, हरदा
बच्चों को निराश नहीं होना पड़ेगा
सरकार ने फेल होने वाले व खराब पेपर जाने वाले विद्यार्थियों को राहत देने के लिए साल में दो बार परीक्षा देने का बड़ा फैसला लिया है। क्योंकि फेल होने पर बच्चे हताश हो जाते हैं। मगर अब उन्हें निराश नहीं होना पड़ेगा। सप्लीमेंट्री को खत्म करने का निर्णय भी अच्छा है। पूरक की परीक्षा देने के बाद विद्यार्थी के मन में पूरक से पास होने का मलाल रहता है, जो खत्म हो जाएगा।- संतोष वर्मा, पालक