शिवपुरी निवासी राहुल गौड़ को साइबर ठगों ने वाट्सएप पर फोटो भेजा था। अनजान नंबर से फोटो मैसेज देखकर राहुल डाउनलोड करने के लिए उसे क्लिक कर दिया। फोटो अपलोड़ हुआ तो उसके साथ कस्टमर स्पोर्ट एप उनके फोन में डाउनलोड हो गया। उसके बाद राहुल का फोन हैक हो गया। तमाम कोशिश के बाद राहुल फोन पर कंमाड नहीं दे पाए। इसके सहारे जालसाजों ने उनके खाते में जमा 5400 रुपए चोरी कर लिए।
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भितरवार निवासी गौरीशंकर के साथ भी इसी तर्ज पर फोटो भेजकर ठगी का प्रयास हुआ था। गौरीशंकर ने भी अनजान फोटो को अपलोड कर लिया, लेकिन एप खुलते ही गौरीशंकर ने फोन स्विच ऑफ कर दिया तो उनका फोन बंद हो गया और जालसाज उसे हैक नहीं कर पाया।
यह तरीका अपनाते ठग
- जालसाज अनजान लोगों को फोटो भेजते हैं। अगर लोग इन्हें डाउनलोड नहीं करते तो फोन कर फोटो पहचानने का हवाला देकर जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं।
- जालसाज ठगी के लिए इन फोटो के नीचे ऐसी इबारत भी लिखते हैं जिसे पढ़कर लोगों को फोटो डाउनलोड करने की ललक बढती है।
ऐसे रखें सावधानी
- मोबाइल में ऑटो मैटिक डाउनलोड की सुविधा का इस्तेमाल नहीं करें। ऑटो डाउनलोड ऑप्शन चालू होगा तो मोबाइल धारक तो पता नहीं चलेगा कि कब उनके फोन में ठगों का पैसा एप दर्ज हो गया।
- अनजान नंबर से फोटो या मैसेज को नजरअंदाज करें
- संदिग्ध लगने पर फोटो भेजने वाले नंबर को ब्लॉक करें।
जालसाजी से बचने सावधानी जरूरी
साइबर ठग(Cyber Crime)
लोगों का पैसा चुराने के लिए रोज नए तरीके अपनाने रहे हैं। इनसे बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना जरूरी है। इसमें लापरवाही घातक हो सकती है। अनजान नंबर से आए मैसेज, फोटो या फोन कॉल पर बिल्कुल भरोसा नहीं करें। इसकी शिकायत साइबर सेल से करें।-संजीव नयन शर्मा स्टेट साइबर सेल डीएसपी ग्वालियर