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जमीन अधिग्रहित करने की अधिसूचना
एनएचएआई(NHAI) ने बायपास के लिए जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। 1347.6 करोड़ की लागत से तैयार होने जा रहे 28.8 किलोमीटर लंबे इस बायपास का कार्य हिजवेज कंपनी को दिया गया है। बायपास(Western Bypass) के लिए 15 गांव की 110 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। अक्टूबर से इसका कार्य शुरू हो जाएगा। कंपनी को यह कार्य दो साल में पूरा करना होगा।
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ग्वालियर : बरौआ नूराबाद, निरावली, गजीपुरा, जिनावली, बिलपुरा, जिगसौली, कुलैथ, सोजना, परपटे का पुरा व तिघरा, पनिहार व रामपुर। मुरैना : बानमोर कलां, बानमोर खुर्द, जयपुर उर्फ नयागांव।
दो फ्लाई ओवर व एक आरओबी भी बनेगा
बानमोर से पनिहार तक बन रहे वेस्टर्न बायपास पर सात छोटे पुल, 18 अंडर पास, दो फ्लाई ओवर और एक आरओबी बनाया जाएगा। दोनों फ्लाई ओवर 60-60 मीटर के होंगे। यह लाई ओवर बानमोर और नूराबाद में बनाए जाएंगे। बायपास पर एकसाथ 25 से 30 हजार वाहन गुजर सकेंगे। ये भी पढें –
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यह होगा वाहन चालकों को फायदा
वेस्टर्न बायपास बनने से आगरा-इंदौर रूट पर हर दिन गुजरने वाले 12 से 15 हजार छोटे-बड़े वाहन चालकों को फायदा मिलेगा। अभी तक वाहन चालकों को बेला की बाबड़ी से शिवपुरी लिंक रोड होकर सिकरौदा तिराहा होते हुए झांसी बायपास से रायरू अथवा बानमोर पहुंचने में लगभग 60 किलोमीटर का सफर करना होता है। वहीं वेस्टर्न बायपास के बनने से यह सफर 28.8 किमी में ही पूरा हो जाएगा। इससे वाहन चालकों को 32 किलोमीटर का चक्कर और 40 मिनट का समय बचेगा।
साडा को मिलेगा लाभ: व्यापारिक गतिविधियां और बसाहट बढ़ेगी
वेस्टर्न बायपास बनने से काउंटर मैग्नेट सिटी में बसाहट और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि बायपास का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा इसी एरिया से गुजर रहा है। इससे साडा और आसपास के क्षेत्रों में आवासीय व व्यवसायिक प्रोजेक्ट आएंगे और बसाहट के साथ ही व्यापारिक गतिविधियां बढेंगी। क्योंकि यहां पर लॉजिस्टिक पार्क, इंडस्ट्रीज, स्कूल, कॉलेज सहित अन्य संस्थानों के लिए भी जगह आरक्षित की जाएगी। ये संभावनाएं कुलैथ, जिगसौली, सोजना, पनिहार, जिनावली, गजीपुरा क्षेत्र में भी देखी जा रही हैं। साडा के दोनों ओर सर्विस रोड भी बनाई जा रही है। ये भी पढें –
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- रायरू के निरावली से शुरू होगा बायपास, जो पनिहार तक बनाया जाएगा।
- बायपास का लंबा हिस्सा सोन चिरैया अभयारण क्षेत्र से भी गुजरेगा। वाइल्ड लाइफ विभाग ने इस क्षेत्र में एनिमल अंडरपास व लाई ओवर बनाने पर ही एनओसी दी है।
- वेस्टर्न बायपास प्रोजेक्ट में एनिमल अंडरपास लाई ओवर (पशुओं की आवाजाही) के लिए अलग से रास्ते होंगे।
- वेस्टर्न बायपास प्रोजेक्ट में कुल 154 हेक्टेयर जमीन का उपयोग होगा, इसमें वाइल्ड लाइफ की 41 और वन विभाग की करीब तीन हेक्टेयर जमीन है। जबकि 15 गांव की 110 हेक्टेयर जमीन शामिल है।