डॉक्टर को तलाशा लेकिन नहीं लगा हाथ
हालांकि मरीज के परिजन उन्हें तलाशते रहे और कॉल भी अटेंड नहीं किया। जानकारी के अनुसार अशोकनगर जिले के नईसरांय इलाके के रहने वाले रामवीर केवट (45) को पेट में दर्द रहता था। डॉक्टर ने उन्हें पथरी बताई थी। परिवार वाले 21 अप्रैल को उन्हें लेकर गुना जिला अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टर राहुल श्रीवास्तव ने उन्हें देखा। परिवार वालों का आरोप है कि डॉक्टर ने उनसे कहा कि 20 हजार रुपए में ऑपरेशन कर देंगे। यहीं ठीक हो जाएंगे। परिवार वालों ने 15 हजार रुपए जमा कर दिए। डॉक्टर ने प्राइवेट मेडिकल से दवाड्यां मंगाई। 3 हजार रुपए की दवाई परिवार वालों ने लाकर डॉक्टर को दी।बिना जांच के ही कर दिया ऑपरेशन
परिजनों का रोप है कि डॉक्टर ने गुरुवार दोपहर 12 बजे रामवीर का ऑपरेशन आनन-फानन में कर दिया। मरीज की ब्लड टेस्ट कराए बिना ही ऑपरेशन थिएटर में ले गए और ऑपरेशन करने लगे। जब उनके नियंत्रण से स्थिति बाहर हो गई, तो उन्होंने उसी हालत में कहा कि मरीज को भोपाल ले जाओ। इसके बाद एंबुलेंस से रामवीर केवट को भोपाल ले जा रहे थे, तभी ब्यावरा के पास उसकी मौत हो गई। शव को परिजन जिला अस्पताल आए और शाम 5 बजे अस्पताल में हंगामा किया।स्थिति संभालने पहुंचे अधिकारी
अस्पताल में हंगामे की सूचना पर एसडीएम शिवानी पांडे, तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा, सीएसपी भरत नौटिया, कोतवाली टीआई बृजमोहन सिंह भदौरिया सहित पुलिस और प्रशासन की टीम अस्पताल पहुंच गई। यहां तीन डॉक्टरों के पैनल से मृतक का पीएम कराया गया। उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।डॉ. राहुल श्रीवास्तव पूर्व में भी विवादों में रह चुके हैं। इसी तरह इलाज में लापरवाही और पैसों की मांग को लेकर आरोप लग चुके हैं। उन्हें निलंबित भी किया गया था, लेकिन बहाल होने के बाद भी मरीजों से पैसे मांग कर इलाज करने की हरकतें कम नहीं हुई।