अबूझ मुहूर्त: बगैर पंचांग देखे होंगे विवाह
कुछ तिथियां अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। इन दिनों विवाह के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। इस साल 30 अप्रेल को अक्षय तृतीया, 5 मई को जानकी नवमी, 12 मई को पीपल पूर्णिमा, 5 जून को गंगा दशमी, 4 जुलाई को भड़ल्या नवमी, 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी और 2 नवंबर को अबूझ मुहूर्त रहेगा। इन तिथियों पर विवाह हो सकेंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित युवराज राजौरिया के अनुसार, इस साल फरवरी से दिसंबर तक 42 विवाह मुहूर्त हैं। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है और पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहता है। इस दौरान विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। इस अवधि में सभी ग्रह उग्र स्थिति में रहते हैं।
ये भी पढ़ें: एमपी में ‘पेंशनर्स’ की बल्ले-बल्ले, खातों में आएगी NPS की मिसिंग राशि 6 जुलाई से देव शयन दोष, 21 नवंबर तक विवाह नहीं होंगे
इस साल 6 जुलाई से देव शयन दोष लग जाएगा। इसके बाद 21 नवंबर तक विवाह नहीं होंगे। देव उठनी एकादशी के बाद 22 नवंबर से विवाह के शुभ मुहूर्त फिर शुरू होंगे। नवंबर में 22, 23, 25 और 30 तारीख को विवाह होंगे। दिसंबर में 4 और 11 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे।