120 भाषाओं में गाना गाने वाली 14 वर्षीय सुचेता सतीश ‘ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवॉर्ड 2020’ जीत चुकी है। सुचेता ने ही 12 साल की उम्र में 102 भाषाओं में 6 घंटा 15 मिनट तक लगातार गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।
शहर के राप्तीनगर के रहने वाले सुशील कुमार श्रीवास्तव टीचर हैं। जबकि, उनकी पत्नी पिंकी श्रीवास्तव हाउस वाइफ हैं। इनका इकलौता बेटा संस्कार जीएन नेशनल स्कूल में 6वीं का स्टूडेंट है। यूं तो संस्कार को गाना गाने का बचपन से ही शौक था और उसकी आवाज भी अच्छी है। लेकिन, कभी परिवार में किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया।
संस्कार के पिता ने बताया की कोरोना के दौर में जब लॉकडाउन लगा तो कुछ दिनों तक पढ़ाई और स्कूल सब बंद हो गया। उस वक्त संस्कार की उम्र महज 9 साल थी। लॉकडाउन होने की वजह से संस्कार न खेलने बाहर जा सकता था और न ही स्कूल जाकर बच्चों के साथ पढ़ाई ही कर सकता था।ऐसे में उसने टाइमपास करने के लिए एक अनोखा शौक पाल लिया। पिता के मोबाइल से संस्कार दुनिया भर में बोले जाने वाल भाषाओं के गाने सुनने लगा और उसे घर में ही गुनगुनाने लगा।
लेकिन, देखते ही देखते कुछ दिनों में संस्कार को पहले 30 से 35 फिर करीब 60 से 70 भाषाओं में गाने मुंह जुबानी याद हो गए। खास बात यह है कि इन भाषाओं में गाना गाने के साथ ही वे बकायदा गानों के सुर भी पकड़ लिया। जब यह बात परिवार के लोगों को पता चली तो वे सभी हैरान हो गए। धीरे-धीरे संस्कार के इस टैलेंट को स्कूल से लेकर आस पड़ोस और फिर शहर भर में फेमस हो गया। स्कूल में साथ पढ़ने वाले बच्चों के अलावा अब तो टीचर भी संस्कार से गाना सुनते हैं।
गोरखपुर महोत्सव से लेकर शहर में आयोजित होने वाले तमाम इवेंट्स के लिए संस्कार को बुलावा आने लगा। कुछ ही दिन बीते कि संस्कार अब स्टेज शो तक में एक साथ कई भाषाओं में गाना गाकर शहर का नन्हा सेलिब्रेटी बन गया। आज वे सिर्फ मोबाइल पर इंटरनेट की प्रैक्क्टिस से हिंदी, इंग्लिश, बंगला, मैथली, गुजराती, डच पोलिश, ग्रीक, रशियन, जर्मन, वियतनामी, मलयालम, स्पैनिश, हंग्रियन, बुलगारियन, हिब्रो, मैंडरीन, चीनी भाषा समेत पूरे 101 भाषाओं में गाना गा रहा है।
वहीं, संस्कार के पिता सुशील श्रीवास्तव और मां पिंकी श्रीवास्तव ने बताया, संस्कार ने शुरू से घर में मोबाइल पर इंटरनेट से ही प्रैक्टिस की। धीरे- धीरे जब उसके टैलेंट के बारे में परिवार के लोगों को पता चला तो सोचा कि उसे सिंगिंग सिखा दें। लेकिन, गोरखपुर में इतनी भाषाओं में गाना गाने और सिखाने वाला आज तक कोई नहीं मिला।
संस्कार गाने में जितना माहिर है, वे पढ़ाई में भी उतना ही होनहार है। गाने की प्रैक्टिस के साथ वे रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई भी कर रहा है। संस्कार का सपना IAS बनना है। इसलिए वे सिंगिंग के साथ ही पढ़ाई पर अधिक फोकस करता है। जिसकी वजह से फिलहाल वे सिंगिंग सिखने शहर से बाहर जाने को तैयार नहीं है। उसका मानना है कि अगर वे बाहर गया तो पढ़ाई डिस्टर्ब हो जाएगी।
संस्कार कहता है, उसे सिंगिंग का शौक जरूर है। लेकिन, वह IAS बनकर देश सेवा करना चाहता है। इसके अलावा वे अपने इस टैलेंट को पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने भी पेश करना चाहता है। वे कहता है, अगर मौका मिले तो एक बार सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी को गाना गाकर सुनाना चाहता हूं।