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Gonda: नेत्र रोगियों के बीच यह मंदिर आस्था का केंद्र, डीएम की पहल और जन भागीदारी से मंदिर का हो रहा कायाकल्प

Gonda News: गोंडा जिले का एक ऐसा मंदिर जो नेत्र रोगियों के लिए आस्था का केंद्र है। यह पौराणिक मंदिर डीएम की पहल और जन भागीदारी से इसका कायाकल्प हो रहा है। आइये जानते हैं। इस पौराणिक मंदिर के इतिहास से जुड़े कुछ तथ्य से आपको रूबरू कराते हैं।

गोंडाApr 20, 2025 / 09:35 am

Mahendra Tiwari

Gonda

मां बाराही देवी मंदिर

Gonda News: गोंडा जिले का एक ऐसा मंदिर जिसकी मान्यता 51 शक्तिपीठों में की जाती है। मां बाराही देवी का मंदिर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के वराह अवतार से जुड़ा है। मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने हिरण्याक्ष का वध करने के लिए वराह अवतार धारण किया। तो उन्होंने पाताल लोक जाने के लिए आदिशक्ति की उपासना की थी। यहां पर आज भी दो ऐसे छिद्र विद्यमान है। जिनकी गहराई आज तक माफी नहीं जा सकी। डीएम की पहल से इस मंदिर का जन भागीदारी के तहत कायाकल्प किया जा रहा है।
Gonda News: गोंडा जिले की तहसील तरबगंज के मुकुंदपुर स्थित पौराणिक मां वाराही देवी मंदिर जिसे 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है। जनभागीदारी और डीएम की पहल से इस मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं कायाकल्प किया जा रहा है। पहले चरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिसमें मुख्य रूप से मंदिर मार्ग का अतिक्रमण मुक्त कराना 53 अस्थायी दुकानों को हटाकर उन्हें व्यवस्थित रूप में पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया तथा मंदिर के समक्ष बड़े कंपाउंड का निर्माण कार्य शामिल है। इससे श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन एवं आवागमन में राहत मिली है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह स्थान मां सती के दांतों के गिरने का स्थल

वर्तमान में दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर है। जिसमें मंदिर परिसर के विस्तृत सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था तथा बैठने की समुचित व्यवस्था की जा रही है। डीएम नेहा शर्मा के निर्देशन में संबंधित विभाग एवं नागरिक मिलकर कार्य को गति दे रहे हैं। मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार, यह स्थान मां सती के दांतों के गिरने का स्थल है।
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यह सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर: डीएम

यहां दो गहरे छिद्र आज भी देखे जा सकते हैं। जिनकी गहराई अब तक मापी नहीं जा सकी है। विशेष रूप से नेत्र रोगियों के बीच यह मंदिर आस्था का केंद्र माना जाता है। डीएम ने कहा यह सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। जनसहयोग से इसे आदर्श धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने का हमारा प्रयास जारी है।
वाराही देवी मंदिर के कायाकल्प की यह योजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि प्रशासन और आमजन के सहयोग की मिसाल भी पेश करेगी।

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