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बोर्ड की ओर से यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर की गई है। बोर्ड का मानना है कि जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों पर ध्यान देते हैं तो उनका समग्र विकास बेहतर होता है। कैलेंडर में बताया गया कि माता-पिता और शिक्षकों के बीच एक मजबूत सहयोग एक ऐसा वातावरण बनाता है, जहां बच्चे अपनी क्षमता का पता लगा सकते हैं। कैलेंडर बुक को कवर पेज से आखिरी पृष्ठ तक 32 पेजों में समेटा गया है। इसमें सीबीएसई का पेरेंट्स सर्वे और 4 सेक्शन 24 पेज में लिए गए हैं।
NEP 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में है इसकी व्यवस्था
बोर्ड की ओर से यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर की गई है। बोर्ड का मानना है कि जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों पर ध्यान देते हैं तो उनका समग्र विकास बेहतर होता है। कैलेंडर में बताया गया कि माता-पिता और शिक्षकों के बीच एक मजबूत सहयोग एक ऐसा वातावरण बनाता है, जहां बच्चे अपनी क्षमता का पता लगा सकते हैं। कैलेंडर बुक को कवर पेज से आखिरी पृष्ठ तक 32 पेजों में समेटा गया है। इसमें सीबीएसई का पेरेंट्स सर्वे और 4 सेक्शन 24 पेज में लिए गए हैं।
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कक्षा 1-2: आउटडोर शिक्षण, पारंपरिक खेल
कक्षा 3-5: विज्ञान प्रयोग, सांस्कृतिक गतिविधियां
कक्षा 6-8: कौशल स्वैप और सहयोग सत्र
कक्षा 9-10: कॅरियर मेंटरिंग और कला में भागीदारी
कक्षा 11-12: करियर मेंटरशिप, वित्तीय साक्षरता चुनौतियां
CBSE: पेरेंटिंग कैलेंडर की मुख्य विशेषताएं
नर्सरी और किंडरगार्टन: कहानी सुनाने, संगीत, पहेलियां और फैमिली बॉन्डिंगकक्षा 1-2: आउटडोर शिक्षण, पारंपरिक खेल
कक्षा 3-5: विज्ञान प्रयोग, सांस्कृतिक गतिविधियां
कक्षा 6-8: कौशल स्वैप और सहयोग सत्र
कक्षा 9-10: कॅरियर मेंटरिंग और कला में भागीदारी
कक्षा 11-12: करियर मेंटरशिप, वित्तीय साक्षरता चुनौतियां