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धौलपुर

कूटरचित दस्तावेजों से शिक्षिका बनी महिला के खिलाफ एफआईआर, की निलम्बित

राजाखेड़ा उपखंड मुख्यालय के राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय बेसिक में वर्षों से तैनात महिला अध्यापिका के अहर्ता दस्तावेजों को शिक्षा विभाग ने जांच में फर्जी और कूटरचित मिलने पर सोमवार देर शाम ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी ममता गुप्ता ने राजाखेड़ा थाने में अध्यापिका मोनी के विरुद्ध प्रथमिकी दर्ज करवाई है। उधर, मंगलवार सुबह शिक्षा विभाग ने आरोपी अध्यापिका को निलंबित कर जांच होने तक उन्हेंं मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के मुख्यालय पर उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। शिक्षिका करीब डेढ़ दशक से नौकरी कर रही थी।

धौलपुरFeb 27, 2025 / 02:34 pm

Naresh

कूचरचित दस्तावेजों से शिक्षिका बनी महिला के खिलाफ एफआईआर, की निलम्बित FIR against woman who became teacher with forged documents, suspended
Dholpur News: राजाखेड़ा उपखंड मुख्यालय के राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय बेसिक में वर्षों से तैनात महिला अध्यापिका के अहर्ता दस्तावेजों को शिक्षा विभाग ने जांच में फर्जी और कूटरचित मिलने पर सोमवार देर शाम ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी ममता गुप्ता ने राजाखेड़ा थाने में अध्यापिका मोनी के विरुद्ध प्रथमिकी दर्ज करवाई है। उधर, मंगलवार सुबह शिक्षा विभाग ने आरोपी अध्यापिका को निलंबित कर जांच होने तक उन्हेंं मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के मुख्यालय पर उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। शिक्षिका करीब डेढ़ दशक से नौकरी कर रही थी।

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ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी गुप्ता ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि शिक्षिका लेवल वन मोनी देवी पुत्री प्रेमसिंह निवासी राजाखेड़ा जो कि महात्मा गांधी विद्यालय बेसिक में कार्यरत हैं। इनके दस्तावेज जनपद आगरा के शैक्षक अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक के कूटरचित तरीके से अपने निजी हित की पूर्ति कर शिक्षा विभाग राजस्थान में अध्यापिका के पद पर नौकरी प्राप्त की है। जिसकी जांच विभागीय अधिकारियों द्वारा पूर्ण करने पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धौलपुर व जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक/प्रारम्भिक के आदेश की अनुपालना में आरोपित अध्यापिका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए है।
लंबे समय से चल रही थी जांच

आरोपी शिक्षिका डेढ़ दशक से भी अधिक समय से राजकीय सेवा में थी। जिसके विरुद्ध उनके ही किसी रिश्तेदार ने कूटरचित दस्तावेजों से नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए विभाग को पूर्व में शिकायत की थी। लेकिन विभाग ने जांच के नाम पर शिकायत को दबा कर रखा हुआ था। लेकिन रिश्तेदार ने लगातार उच्चाधिकारियों व जिला कलक्टर को शिकायत के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और दस्तावेजों की जांच की तो वे कूटरचित पाए गए। जिसके बाद प्रकरण दर्ज करवाया गया।
… जांच हो तो और निकल सकते हैं ऐसे केस

गौरतलब है कि क्षेत्र में शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में अध्यापक व अध्यापिक उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों के बोर्ड व यूनिवर्सिटीज के दस्तावेजों से नौकरी कर रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा ऐसे कर्मियों का व्यक्तिगक्त सत्यापन नहीं करवाया है। ऐसी ही एक शिकायत को लंबे समय से उठा रहे प्रेमसिंह ठाकुर ने बताया कि विभाग अगर शिकायतों की ईमानदारी से जांच कर सत्यापन करवाएं तो अन्य भी ऐसे प्रकरण बड़ी संख्या में सामने आ सकते हैं। हालांकि अध्यापिका के विरुद्ध मामला दर्ज होने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है और विद्यालयो में दिन भर इसी प्रकरण की चर्चा होती रही।

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