ऐसे परिवारों के बच्चों को 3 प्रतिशत स्थान प्राथमिकता के अनुसार मिलेंगे। वहीं, ऐसे अभ्यर्थी जिनके माता या पिता अथवा दोनों तथा जिन महिला अभ्यर्थियों के पति की मृत्यु कोरोना से हो गई है, उनको कॉलेज में स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध में न्यूनतम उत्तीर्णांक पर प्रवेश दिया जाएगा। ऐसे प्रवेशित विद्यार्थियों की सीटें, स्वीकृत सीटों के अतिरिक्त मानी जाएंगी। इन विद्यार्थियों को राजकीय महाविद्यालयों में सम्पूर्ण शुल्क माफी व कॉलेज में स्थित छात्रावासों में भी नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को सक्षम अधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। वहीं, इस बार कॉलेज में प्रवेश के समय शुल्क जमा कराने पर बीमा शुल्क को भी माफ कर दिया गया है।
रक्तदान करने वालों को एक फीसदी बोनस अंक प्रवेश नीति के अनुसार लगातार तीन सत्र तक राजकीय अथवा मान्यता प्राप्त अस्पतालों के ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले अभ्यर्थी को प्रवेश योग्यता सूची में वरीयता निर्धारण करते समय 1 प्रतिशत बोनस अंक मिलेगा। इसके अलावा साक्षरता अभियान में तीन सत्र में तीन व्यक्ति अर्थात प्रति सत्र एक व्यक्ति को साक्षर करने पर 0.5 प्रतिशत तथा अपनी कक्षा की सम्पूर्ण पुस्तकें लगातार तीन सत्र तक बुक बैंक में जमा कराने पर 0.5 प्रतिशत का लाभ देय होगा। राज्य मानवाधिकार आयोग या अधिकृत संस्थाओं द्वारा उल्लेखनीय कार्य का प्रमाण पत्र होने पर 2 फीसदी, स्कूल स्तर पर मानवाधिकार क्लब में सत्र पर्यंत सहभागिता एवं एक विस्तार कार्यक्रम में उपस्थिति का प्रमाण पत्र होने पर 1 प्रतिशत का लाभ दिया जाएगा।
न्यूनतम 45 फीसदी जरूरी आयुक्तालय की नवीन नीति में बारहवीं बोर्ड में न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता रखी गई है। इसमें कला और वाणिज्य में प्रवेश के लिए 45 प्रतिशत अंक रखे गए हैं, जबकि विज्ञान के लिए 48 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। बाहरी राज्य के विद्यार्थी के लिए 60 फीसदी अंक चाहिए।
इनका कहना है अभी कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने प्रवेश कार्यक्रम जारी नहीं किया है। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए नीति जरूर तय कर दी है। प्रवेश कार्यक्रम जारी होते ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
– डॉ. एस.के. जैन, प्राचार्य पीजी कॉलेज धौलपुर