इसका उद्देश्य है समय रहते जोखिम भरी प्रेग्नेंसी की पहचान कर इलाज शुरू करना, जिससे मां और बच्चे दोनों की जान बचाई जा सके। इस पोर्टल में प्रत्येक गर्भवती महिला का यूनिक नंबर बनेगा, जिससे उसकी संपूर्ण जानकारी एक ही स्थान पर सुरक्षित रहेगी और दोहराव की संभावना नहीं होगी।
समग्र आईडी अनिवार्य होगी
महिला का पंजीयन करते समय पति की समग्र आईडी अनिवार्य होगी, जिससे कई जरूरी जानकारियां स्वत: ही जुड़ जाएंगी। नवजात शिशु की डिजिटल देखभाल बच्चे के जन्म के बाद उसके स्वास्थ्य और टीकाकरण संबंधी जानकारियां भी पोर्टल पर दर्ज होंगी। जिससे उसे समय पर सभी टीके लग सकें और उसकी देखभाल सही से की जा सके। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है। एक क्लिक पर समस्त जानकारी मौजूद रहेगी। जिले में 1270 डॉक्टरों, एएनएमए सीएचओ और डाटा एंट्री ऑपरेटरों को पोर्टल से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिसकी शुरुआत 27 मार्च से हुई है।
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अगर किसी महिला की प्रेग्नेंसी में जोखिम जैसे उच्च रक्तचाप पाया जाता है, तो पोर्टल स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों को अलर्ट करेगा। जिससे समय पर इलाज संभव हो सकेगा। इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना और प्रसूति सहायता योजना की राशि अब सीधे लाभार्थी के आधार लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जाएगी। इससे देरी और भ्रष्टाचार की आशंका समाप्त होंगी।
पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज एवं शर्ते
महिला और उसके पति दोनों की समग्र आईडी अनिवार्य है। यदि समग्र पोर्टल पर महिला की वैवाहिक स्थिति अपडेट नहीं है, तो पति की समग्र आईडी प्राप्त नहीं होगी और पंजीयन नहीं हो सकेगा। महिला को अपनी समग्र आईडी पति के परिवार आईडी में जोडऩी होगी। हितग्राही का समग्र केवायसी और डीबीटी सक्षम खाता अनिवार्य है।