सैनी समाज जिलाध्यक्ष रघुनाथ सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई महापंचायत में सामाजिक कुरीतियों को लेकर समाज के पंच-पटेलों ने अपने-विचार व्यक्त किए। जिसमें तय किया गया कि समाज हित में जो निर्णय किए गए हैं, यदि उनकी पालना नहीं करने पर संबंधित गांव के पंच-पटेलों को जिमेदारी देते हुए संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर निर्णय लेने का प्रावधान रखा गया है। गांव के पंच-पटेल नियमों को मनवाने में असमर्थ रहेंगे तो उनके खिलाफ भी समाज कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा।
महात्मा ज्योतिका फूले संगठन तहसील स्तर पर शिक्षा के लिए एक लाइब्रेरी नि:शुल्क कोचिंग सेवा, महात्मा ज्योतिबा फुले युवा सेवा संस्थान के द्वारा समाज के 10 व 12 वीं में प्रतिभावान आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी को खर्चा उठाएगा।
ये फैसले लिए, नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
1. लड़की की गोद भराई रस्म को पूर्ण रूप से बंद किया गया। केवल 11 व्यक्ति साधारण रस्म कर शादी तय होगी।
2. टीका प्रथा पूर्णतया बंद होगी, लग्न में 21 व्यक्ति तक जा सकेंगे।
3. जन्मदिन मनाने पर पूर्ण पाबंदी की गई।
4. दूल्हे की निकासी, घोड़ी चढ़ाई में डीजे व बैण्ड बाजा बंद किया गया है।
5. शादियों में निमंत्रण पत्रों को सोशल मीडिया व फोन के जरिए भेजा जाएगा। घर पहुंचाने पर पाबंदी होगी।
6. शादी समारोह में फीता काटने, स्टेज कार्यक्रम पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया।
7. गंगा स्नान करके आने पर पथवारी पर केवल एक पहरावनी होगी।
8. मृत्यु भोज व चिठ्ठी छपाने पूर्ण रूप से रोक व पगड़ी रस्म में एक रुपया देना होगा।
9. लग्न, भात व अन्य कार्यक्रमों में केवल पेट पहरावणी होगी बाकी रुपए से होगी।
10. किसी भी कार्यक्रम में किन्नर समाज को 11 सौ रुपए देने होंगे। नियमों की पालना के लिए गांव स्तर पर बनेगी कमेटी
समाज के नियमों की पालना के लिए गांव स्तर पर कमेटी बनेगी। नियमों का पालन नहीं करेगा, उस कार्यक्रम में समाज का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं होगा। समाज में कोई भी लड़का ब लडकी अन्य जाति में विवाह करेगा तो माता-पिता उनको अपनी सपत्ति से बेदखल करेगा। महापंचायत में लिए गए निर्णयों का समाज के लोगों ने पालन करने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि सैनी समाज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह व्याप्त कुरीतियों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।