पंजीयन की रफ्तार सुस्त
एमएसपी पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरू की गई थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी 6 मार्च तक केवल 3,109 किसानों ने ही पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा काफी कम है। साल 2024 में कुल 19,094 किसानों ने पंजीयन कराया था, जबकि 2023 में यह संख्या 14,981 थी। इस वर्ष 31 मार्च तक पंजीयन की अंतिम तिथि तय की गई है, लेकिन मौजूदा रुझान को देखते हुए किसानों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम रहने की संभावना है। बाजार भाव बना कारण
किसानों की कम दिलचस्पी के पीछे प्रमुख कारण बाजार में मिल रहे ऊंचे दाम हैं। खुले बाजार में किसानों को 2,800 रुपये प्रति क्विंटल तक गेहूं का भाव मिल रहा है, जो कि एमएसपी से अधिक है। इसी कारण किसान पंजीयन के प्रति उत्साहित नहीं हो रहे हैं।
पंजीयन केंद्र और सुविधाएं
किसानों को पंजीयन के लिए प्रशासन की ओर से विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिले में 50 खरीदी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू होगी और यह प्रक्रिया मई-जून तक चलेगी। किसान अपने ग्राम पंचायत कार्यालय, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय, एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क, लोक सेवा केंद्र एवं निजी साइबर कैफे से भी पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा किसान एमपी किसान ऐप के जरिए खुद भी पंजीयन कर सकते हैं।
पंजीयन लक्ष्य और स्थिति
- साल 2023: 14,981 पंजीयन
- साल 2024: 19,094 पंजीयन
- साल 2025 (अब तक): 3,109 पंजीयन
इस वर्ष प्रशासन ने 1 लाख किसानों के पंजीयन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन अभी तक लक्ष्य से काफी पीछे है। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी एमएल मालवीय का कहना है कि हर साल किसानों की एमएसपी पर गेहूं बेचने में रुचि बढ़ रही है, लेकिन इस बार बाजार में बेहतर मूल्य मिलने के कारण स्थिति अलग बनी हुई है।
क्या रहेगा आगे?
पंजीयन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रशासन किसानों को प्रेरित कर रहा है, लेकिन यदि बाजार में गेहूं के दाम ऐसे ही ऊंचे बने रहते हैं, तो किसानों का झुकाव एमएसपी के बजाय निजी व्यापारियों की ओर अधिक बना रह सकता है। अब देखना होगा कि 31 मार्च तक पंजीयन की संख्या कितनी बढ़ पाती है।