CG Naxal News: इन जवानों को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई
यह मुठभेड़ मंगलवार को तड़के
बीजापुर और दंतेवाड़ा की सीमा पर बोड़गा के जंगलों में हुई है। दंतेवाड़ा से स्पेशल 60 जवानों को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। नक्सल ऑपरेशन आईपीएस स्मृतिक राजनाला इसे लीड कर रहे थे। बताया जाता है कि लगभग 60 जवानों की इस छोटी टुकड़ी के बैकअप के लिए बड़ा फोर्स को लगा रखा था।
लेकिन ऑपरेशन में माहिर पुलिस की स्पेशल 60 टीम एसजेडसी मुरली की टीम पर भारी पड़ी। जवानों ने तीनो नक्सलियों को जल्द ही ढेर कर दिया 7 बिना किसी नुकसान के ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद जवान सुरक्षित जिला मुख्यालय लौट आए। डीआईजी कमलोचन कश्यप ने इन जवानों को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई भी दी।
चैतू की पत्नि सपना भी है सक्रिय…
चैतू अभी तक एसकेजेडसी मेम्बर के रूप में पूरे दक्षिण बस्तर में काम कर रहा था। पुलिस सूत्रों की माने तो वह माओवादी संगठन में प्रमोट हो चुका था। उसे सेंट्रल कमेटी का मेंबर बनाया गया है। अब बताया जा रहा है उस पर 40 लाख रुपए के करीब ईनाम घोषित है। इस चैतू को पकड़ने के लिए दो दशकों से फोर्स पसीना बहा रही है। बताया जा रहा है चैतू बोड़गा के जंगल अभी एक दो हफ्ते पहले ही पहुंचा था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह अपनी पत्नी सपना से मिलने बोडग़ा पहुंचा था। दोनों पति-पत्नी बारंगल तेलांगना के रहने वाले हैं। भीमा मंडावी और झीरम कांड में था शामिल…
चैतू भाजपा के विधायक भीमाराम मंडावी से लेकर झीरम कांड में भी शामिल था सूत्र बताते है नक्सलियों की सबसे मजबूत दरभा डिवीजन की नींव चैतू ने ही रखी है। लोगों का कहना है कि वह अब बूढ़ा हो चुका है। उसकी उम्र तकरीब 65 वर्ष होगी।अफसरों को घटना स्थल में बड़े नक्सली नेताओं की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद इस ऑपरेशन के लिए अफसरों ने रणनीति में फेरबदल किया था।
जवान सादी वर्दी में बेहद गोपनीय ढंग से जंगल में घुसे इस दौरान रास्ते में ग्रामीणों तक को भनक नहीं लगी। रात को ही फोर्स रवाना हुई, इसके साथ ही सुबह बैकअप पार्टी को भेजा। सुबह तड़के पिन प्वाइंट पर जाकर जवानों ने सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया। पहले यह स्पष्ट नही था तो ये कि वहा चैतू है या मुरली। दो घंटे की मुठभेड़ के बाद तीन नक्सलियों के शव बरामद हुए।
नक्सलियों की चलती-फिरती पाठशाला है चैतू..
CG Naxal News: दक्षिण
बस्तर में चैतू को नक्सलियों की चलती-फिरती पाठशाला कहा जाता है। यह शख्स उम्र के उस पड़ाव पर है, जिस वक्त लोग ठहरना ही मुनासिब समझते है। बावजूद इसके पुलिस अधिकारियों के लिए आज भी वह चुनौती बना हुआ है। इसी चैतू को जिंदा या मुर्दा लाने के लिए स्पेशल 60 तैयार की गई।
फोर्स की दो वर्षों में सबसे छोटी टुकड़ी को चैतू के लिए निकाला गया। आखिरकार वह एक बार फिर चकमा देने में कामयाब रहा। संगठित रुप से अपराध करने वाले इस चैतू को तो नहीं मार पाए। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मारने में जरूर सफल हुए 7 भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार भी बरामद किए है।