कैथलैब जबलपुर के डॉक्टर के नाम पर
सात मरीजों की मौत के बाद कलेक्टर सुधीर कोचर के पास शिकायत पहुंची। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन से जांच कराई। इसमें नरेंद्र की डिग्री और पहचान के दस्तावेज फर्जी मिले। अस्पताल में कैथलैब मिला, उसका रजिस्ट्रेशन जबलपुर के डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अखिलेश दुबे के नाम पर निकला। नियमानुसार, सीएमएचओ ने लैब सील नहीं की। डॉ. दुबे को नोटिस भी नहीं दिया। कलेक्टर ने भी संज्ञान नहीं लिया।
जिस लैब में मौत, उसे सील तक नहीं किया
7 मार्च को सीएमएचओ कलेक्टर सुधीर कोचर को रिपोर्ट सौंप दी। लेकिन प्रशासन ने तब भी कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं, अस्पताल की जिस कैथलैब में फर्जी डॉक्टर ने 8 मरीजों के दिल की सर्जरी की और 7 ने दम तोड़ा, उस लैब को भी सीएमएचओ ने सील नहीं किया।
सीधी बात– सुधीर कोचर, कलेक्टर
–7 मार्च को सीएमएचओ ने जांच रिपोर्ट दी। तब डॉक्टर के फर्जी होने की बात आ चुकी थी, फिर क्यों कार्रवाई नहीं की? मानवाधिकार आयोग की टीम ने जांच की है। रिपोर्ट आने से पहले कुछ नहीं कह सकूंगा।