भोगले ने तोड़ी चुप्पी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भोगले ने दावा किया कि वह निजी कारणों से कोलकाता में केकेआर बनाम जीटी मुकाबले में शामिल नहीं हो पाए। भोगले ने एक्स पर लिखा कि कल कोलकाता में हुए मैच में मैं क्यों नहीं था? इस बारे में कुछ गलत निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो यह उन मैचों की सूची में ही नहीं था, जिनमें मुझे शामिल होना था। मुझसे पूछ लेते तो समस्या सुलझ जाती। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले रोस्टर तैयार हो जाते हैं। मुझे कोलकाता में दो मैचों के लिए रोस्टर में शामिल किया गया था। मैं पहले मैच में गया था और परिवार में बीमारी के कारण मैं दूसरे मैच में नहीं जा सका।
डुल ने दिया था तीखा बयान
साइमन डुल ने क्रिकबज़ से बातचीत में कहा था कि अगर ग्राउंड की देखरेख करने वाला व्यक्ति अपनी टीम की आवश्यकताओं पर ही ध्यान नहीं देता है तो उस टीम को अपना मैदान बदल लेना चाहिए। उन्होंने कहा था कि क्यूरेटर का काम है पिच तैयार करने का होता है, न कि रणनीतिक सुझाव देने का। उन्हें वही करना चाहिए, जो टीम चाहती है। हर्षा बोले- रहाणे ने बस हल्का स्पिन ट्रैक मांगा था
वहीं, हर्षा भोगले ने अपनी राय देते हुए कहा था कि अजिंक्या रहाणे ने कोई अत्यधिक स्पिन अनुकूल पिच की डिमांड नहीं की थी। वह तो बस ऐसी सतह चाहते थे, जिस पर स्पिनरों की थोड़ी मदद कर सके। उन्होंने कहा था कि गौतम गंभीर की कप्तानी में केकेआर ने ईडन गार्डंस की स्पिन अनुकूल पिच पर ही दो खिताब जीते थे।
‘टूर्नामेंट में होम एडवांटेज मिलना जरूरी’
भोगले ने साथ ही ये भी कहा था कि अगर टीम अपने होम ग्राउंड पर खेल रही हैं तो उसे ऐसी पिच ही मिलनी चाहिए, जो उसके खिलाड़ियों की ताकत के अनुकूल हो। मैंने कोई लो-स्कोरिंग पिच की डिमांड नहीं की है, बल्कि ऐसा विकेट चाहता हूं, जिस पर घरेलू टीम को लाभ हो। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में होम एडवांटेज मिलना जरूरी है। इससे टूर्नामेंट रोमांचक बनता है।