भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाने वाला यह मुक़ाबला इंडिया vs चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) जैसा है। दरअसल दुबई की प्लेइंग कंडीशन चेन्नई के चेपक मैदान जैसी हैं। चेपक की तरह यहां का विकेट भी बेहद धीमा है और गेंद रुक कर आती है। इसके अलावा इस पिच पर भी चेन्नई की तरह स्पिन गेंदबाजों को अच्छा टर्न मिलता है। जिससे बल्लेबाज आसानी से लंबे शॉट नहीं लगा पाते।
इसके अलावा कीवी टीम में रचिन रवींद्र, डेवोन कॉनवे, डेरिल मिशेल, मिशेल सेंटनर और मैट हेनरी जैसे खिलाड़ी हैं। जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल चुके हैं या खेल रहे हैं और इन खिलाड़ियों के पास चेपक मैदान की कठिन परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव भी है।
दुबई में अबतक चैंपियंस ट्रॉफी के चार मुक़ाबले खेले गए हैं और सभी मुकाबलों में पिचों की थीम यही रही है। जैसे -जैसे मैच आगे बढ़ता है पिच धीमी होती चली जाती है। पिच में उछाल भी कम है। चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 से पहले न्यूजीलैंड ने श्रीलंका और भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली थी। इस सीरीज के दौरान रचिन रवींद्र ने इसी तरह की पिचों में अभ्यास किया था। रचिन ने भारतीय दौरे से पहले सीएसके की एकेडमी में कई प्रैक्टिस सेशन किए थे। जिनका उन्हें फायदा भी हुआ है।
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक की मदद से छह पारियों में 51.20 की शानदार औसत से 256 रन बनाए थे। वहीं चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में रचिन दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं और अबतक दो शतक भी लगा चुके हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी में वे अबतक तीन मैचों की तीन पारियों में 75.33 की औसत से 226 रन बना चुके हैं।
रचिन के अलावा सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे भी सीएसके की एकेडमी में कई बार प्रैक्टिस कर चुके हैं। रचिन, कॉनवे और डेरिल मिशेल जैसे खिलाड़ियों ने यह सुनिश्चित किया कि वे अपनी खेल शैली को परिस्थितियों की मांग के अनुसार ढाल सकें। जहां आमतौर पर भारतीय सरज़मीं पर आने वाले विदेशी बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ स्वीप शॉट पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं, वहीं न्यूजीलैंड की रणनीति अलग रही है। चाहे पैरों का उपयोग करना हो या दोनों किनारों को कवर करते हुए आक्रामक और रक्षात्मक खेलने के बीच संतुलन बनाए रखना हो, उन्होंने खुद को सफल साबित किया है। पिछले रविवार को भारत के खिलाफ भी उनकी यही रणनीति थी, लेकिन तभी वरुण चक्रवर्ती ने अपनी मिस्ट्री गेंदबाजी से मैच का रुख मोड़ दिया।