कपासन। बनाकिया कलां गांव में एक पारंपरिक और रंगारंग तरीके से मायरा लेकर भाई अपनी बहनों के घर पहुंचे। इस दौरान सजी हुई बैलगाड़ियों और बैंडबाजों की धुन आकर्षण का केन्द्र रही। बहनों के विवाह के अवसर पर भाई मायरा लेकर पहुंचे थे, जिसमें ढोल और शहनाई की धुन पर महिलाएं लोकगीत गा रही थीं और नृत्य कर रही थीं।
इस आकर्षक नजारे को देखने के लिए गांव और आसपास के लोग इकट्ठे हुए। बनाकिया कलां निवासी किशनलाल, उदयराम, रतनलाल, लालूराम, लक्ष्मण, लादूलाल, कालूराम, सुरेश अहीर एवं शंकरलाल नानूराम अहीर उसी गांव में विवाहित बहन प्यारी बाई, सोनीबाई की पुत्रियों के विवाह पर बुधवार शाम को सजी-धजी बैलगाड़ियों में मायरा लेकर गए।
भेरुजी बावजी मंदिर में पूजा-अर्चना की गई
मायरा की रस्म के दौरान बहनों के परिवार की ओर से भेरुजी बावजी मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान मोबाइल से सेल्फी लेने की होड़ भी रही। ड्रोन कैमरे से फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी के साथ पुष्प वर्षा होती रही। इस आकर्षक नजारे को देखने के लिए गांव सहित आसपास के ग्रामीण एवं राहगीर उमड़ पड़े।