scriptमिलेट्स-फुड प्रोसेसिंग में आगे बढ़े उद्योगपति तो खुद फायदे के साथ छिंदवाड़ा में दे सकेंगे रोजगार | If industrialists move forward in millets-food processing, they will be able to provide employment in Chhindwara along with their own benefits | Patrika News
छिंदवाड़ा

मिलेट्स-फुड प्रोसेसिंग में आगे बढ़े उद्योगपति तो खुद फायदे के साथ छिंदवाड़ा में दे सकेंगे रोजगार

प्रदेश सरकार के औद्योगिक निवेश में 12 उद्योग इकाइयों ने दिखाई रुचि, जीआईएस समिट भोपाल में पहुंचेंगे 75 उद्योगपति

छिंदवाड़ाFeb 24, 2025 / 11:54 am

manohar soni

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छिंदवाड़ा.भोपाल में 24-25 फरवरी को हो रहे ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट से पहले छिंदवाड़ा में भी निवेश का माहौल बनता दिखाई दे रहा है। चाहे प्रशासन हो या फिर उद्योगपति हर कोई जिले में उपलब्ध कच्चे माल पर इंडस्ट्री खुलने की अपेक्षा कर रहा है। हर किसी की राय है कि मिलेट्स कोदो-कुटकी और फ्रुट सीताफल, संतरा,आंवला, जामुन से सहउत्पाद तैयार कर जिले में उद्योग की राह आसान की जा सकती है।
छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले की करीब 23.76 लाख जनसंख्या में इस समय उद्योग कम, प्राकृतिक संसाधन ज्यादा है। उद्योग इकाइयां छिंदवाड़ा में इमलीखेड़ा, लहगड़़ुआ, सलैया, सौंसर के बोरगांव में करीब 300 की संख्या में स्थापित है, जिनसे हजारों परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है। इस समय प्रदेश की डॉ.मोहन यादव की सरकार का पूरा ध्यान औद्योगिक निवेश पर केन्द्रित है। इस पर सरकार उद्योगपतियों को विशेष सुविधाएं दे रही है। साथ ही उनका उत्साह के साथ प्रदेश की धरा पर स्वागत करने आतुर है। इस माहौल में जिले में भी औद्योगिक प्रोत्साहन को भी गति देने प्रशासन प्रयासरत है। उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। जिले का आम जनमानस भी उद्योगों की स्थापना चाहता है।
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प्राकृतिक संसाधनों से मिला उद्योगों का कच्चा माल
छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले में प्राकृतिक संसाधन सीताफल, संतरा, आंवला, जामुन फल के अलावा 32 प्रकार के लघु वनोपज उपलब्ध है। ये उद्योगों के कच्चा माल के रूप में सहायक है, जिनसे सहउत्पाद बनाकर बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है। इसी तरह मिलेट्स में कोदो कुटकी, रागी, सवां, ज्वार, बाजरा भी है, जिनसे बेहतर खाद्य पदार्थ बनाए जा सकते हैं। जिनकी इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग की जा रही है।
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मक्का-चावल से एथनॉल बना रहे जिले के उद्योग
यह भी उत्साह वर्धक खबर है कि जिले में इस समय मक्का की पैदावार 3.50 लाख हैक्टेयर में हो रही है। इस मक्का के करीब 16 लाख मीट्रिक टन उत्पादन से छिंदवाड़ा में बोरगांव की दो फैक्ट्रीज एथनॉल उत्पादन में काम कर रही है। एक फैक्टरी सलैया में स्टार्च उत्पादन में लगी है। इसके अलावा तीन और फैक्ट्रीज एथनॉल उत्पादन की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ रही है। इससे भी औद्योगिक गतिविधियां आगे बढ़ रही है।
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इनका कहना है…
जिले में मिलेट्स ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो कुटकी समेत अन्य के सहउत्पाद तैयार करने में निवेश हो जाए तो उद्योगपतियों के साथ जिले के आदिवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा। मैं अभी दुबई से लौटा हूं, जहां इसकी खूब चर्चाएं हो रही है। उद्योगपतियों को इस पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।
-दारा जुनेजा, उद्योगपति एवं अध्यक्ष जिला निर्यात संवर्धन समिति
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जिले में संतरा, सीताफल, आंवला समेत अन्य कच्चा माल उपलब्ध होने से फुड प्रोसेसिंग में निवेश की संभावनाएं अधिक है। इसके अलावा आईटी पार्क भी विकसित किया जा सकता है। प्रदेश सरकार को इस क्षेत्र में फोकस रख निवेश प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
-पंकज अग्रवाल, उद्योगपति।
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प्रदेश सरकार के इनटेंशन टू इनवेस्ट कार्यक्रम में 12 कंपनियों ने छिंदवाड़ा में निवेश करने पंजीयन कराया है। जिले से 75 उद्योगपति 24-25 फरवरी को भोपाल में हो रहे आयोजन में भाग लेने जा रहे हैं। जिससे निश्चित ही छिंदवाड़ा में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
-आशीष नोएल, प्रभारी महाप्रबंधक,व्यापार एवं उद्योग केन्द्र।
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प्रदेश शासन की औद्योगिक निवेश नीति के तहत छिंदवाड़ा जिले में भी उद्योगपतियों को भी फुड प्रोसेसिंग समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किए जा रहा है। कुछ कंपनियां इच्छुक है। प्रशासन बातचीत के लिए प्रयासरत है।
-शीलेन्द्र सिंह, कलेक्टर।
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