जीवन सर्वाधिक मूल्यवान अवसर है जिसे कभी भी एक अस्थायी परेशानी के लिए छोडऩा उचित नहीं होता। मन में घोर निराशा है, तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें। परिवार, दोस्त, गुरुजन या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ मदद के लिए हैं। आप अकेले नहीं हैं। हम जब जन्म लेते हैं, तो हमारे भीतर एक विशेष मकसद होता है। कई बार परिस्थितियां इतनी उलझ जाती हैं कि वह उद्देश्य धुंधला हो जाता है, लेकिन वह खत्म नहीं होता। यह जीवन हमें सीखने और आगे बढऩे के लिए मिला है। जो लोग आज इस अंधेरे दौर से गुजर रहे हैं, उन्हें यह जानना जरूरी है कि कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने जिंदगी में एक बार सब कुछ खो दिया, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और आज समाज में मिसाल बन गए हैं।
डॉक्टरों का भी मानना है कि अगर समय रहते बात की जाए, संवाद किया जाए, तो आत्महत्या के 90 प्रतिशत मामले रोके जा सकते हैं। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और घर हर जगह एक ऐसा माहौल बनाना होगा जहां लोग बिना डर और झिझक के अपने दिल की बात कह सकें। समस्या यह नहीं कि लोग दुखी हैं, समस्या यह है कि वे अकेले हैं। थकावट या बोझ लगे तो आराम करें, खुद पर दबाव न डालें। जरूरत पड़े तो काउंसलर या डॉक्टर से बात करने में हिचकिचाएं नहीं। इसके अलावा यह सबक भी लें कि अगर आप खुद को डगमगाता हुआ महसूस कर रहे हैं, तो मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि साहस है। आप जरूरी हैं, आपकी मौजूदगी की कद्र है। आपकी जरूरत इस दुनिया को है। आपके बिना कोई अधूरा रह जाएगा। एक दिन में सब ठीक नहीं होता, लेकिन एक दिन सब कुछ ठीक हो सकता है।