कैलकुलेशन को समझें

रिबेट सिर्फ इन मामलों में मिलेगी
> यदि पूरी आय वेतन, पेंशन, ब्याज, किराए, या व्यवसाय से आती है और कोई विशेष श्रेणी की आय शामिल नहीं है।> कुल आय 12 लाख रुपए से कम या बराबर है और करदाता नई कर व्यवस्था को चुनता है। पुरानी कर व्यवस्था चुनने पर लाभ नहीं मिलेगा।
> इनसे कमाई तो 12 लाख की आय पर भी लगेगा टैक्स
कैपिटल गेन्स: जमीन और मकान, शेयरों की खरीद-बिक्री और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में किए निवेश से लाभ हुआ है तो 12 लाख की आय पर भी टैक्स लगेगा। हालांकि सालाना 1.25 लाख रुपए तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स छूट मिलेगी।
व्यवसायिक और विशेष दर वाली आय: यदि कोई व्यक्ति फ्रीलांसिंग, व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से आय अर्जित करता है, तो इस पर भी विशेष कर नियम लागू हो सकते हैं। ऐसे मामलों में स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा और कुछ मामलों में छूट नहीं मिलेगी।