सेबी (SABI) के नियम के अनुसार जिस भी थीम का म्यूचुअल फंड होगा उसमें उसे उसी पर्टिकुलर थीम शेयरों में पूरे पैसे का 80% पैसा लगाना होता है। इससे म्यूचुअल फंड हाउस के पास ऑप्सन कम हो जाते हैं जिससे थीमैटिक म्यूचुअल फंड हाई रिस्क म्यूचुअल की कैटेगरी में आ जाता है। इस कारण से जैसे ही उस थीम के शेयर में तेजी आती है तो ये म्यूचुअल फंड तेजी से अच्छा रिटर्न देते हैं। वहीं अगर गिरावट आती है तो थीमैटिक म्यूचुअल फंड अन्य म्यूचुअल फंड के हिसाब से तेजी से रिटर्न कम होता है।
कुछ थीमैटिक म्यूचुअल फंड के नामथीमैटिक म्यूचुअल के नाम से ही समझ में आ जाता है कि यह किस थीम में निवेश कर रहे हैं। जैसे इंटरनेशनल एक्सपोजर,रूरल इंडिया, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड,मल्टी-सेक्टर और ESG फंड शामिल हैं। ये म्यूचुअल फंड लार्ज कैप इक्विटी फंड और डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड की तुलना में ज्यादा रिस्की होते हैं।
किसे करना चाहिए इसमें निवेश?
थीमैटिक म्यूचुअल फंड हाई रिस्क म्यूचुअल फंड कैटेगरी में आता है। इसमे उसे ही निवेश करना चाहिए जो अपने निवेश पर ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं। इसके साथ ही अगर आप कम समय के लिए निवेश करने वाले हैं तो इस म्यूचुअल फंड को चूज बिल्कुल भी न करे। आप इसमें जब ही निवेश करे जब आप कम से कम 5साल इस फंड में निवेश करने वाले हैं।
वहीं अगर आप गिरावट से डरते हैं तो थीमैटिक म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको कई बार विचार कर लेना चाहिए क्योंकि ये फंड तेजी से उपर जाते हैं तो तेजी से इनमें गिरावट भी होती है। हालांकि लंबे समय में थीमैटिक म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है।