इसलिए बढ़ाई कीमत
बता दें कि दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए कच्चे माल की बढ़ती लागत को वजह बताया जा रहा है। कंपनियां इसी कारण से लगातार कीमतों में बढ़ोतरी की मांग कर रही थीं।
कंपनियां कीमत बढ़ाने की कर रही थी मांग
फार्मा कंपनियों का कहना है कि कच्चे माल की कीमतें, यानी दवा बनाने वाले कंपोनेंट्स के दाम पिछले कुछ समय से बढ़ रहे थे, जिसकी वजह से लागत भी बढ़ गई है। बता दें कि कंपनियां काफी समय से कीमतें बढ़ाने की मांग कर रही थीं।
WPI के आधार पर हुई बढ़ोतरी
एनपीपीए के मुताबिक महंगाई बढ़ने के कारण दवाओं के मूल्य में संशोधन किया गया है। सरकार हर साल आवश्यक दवाओं की कीमतों की समीक्षा करती है और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में बढ़ोतरी के आधार पर कीमत तय करती है। नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
NPPA ने स्पष्ट किया है कि जो निर्माता तय की गई अधिकतम कीमत का पालन नहीं करेगा उन्हें ड्रग्स प्राइसेज़ कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) 2013 के प्रावधानों के तहत अतिरिक्त वसूली गई राशि के साथ ब्याज जमा करना होगा। इसके अलावा रिटेलर्स और डीलर्स को निर्देश दिया गया है कि वे निर्माता द्वारा उपलब्ध कराई गई नई कीमत सूची को अपने व्यावसायिक स्थल पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें।