प्रतिस्पर्धा कानून का किया उल्लंघन
एनसीएलएटी के चेयरमैन जस्टिस अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य बरुण मित्रा की पीठ ने 104 पेज के फैसले में कहा गूगल ने प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करते हुए बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग किया है। हालांकि कुछ आरोपों में उल्लंघन अभी साबित नहीं हुआ है। अगर आगे यह साबित होता है तो जुर्माना बढ़ाया जा सकता है। यह जुर्माना पिछले तीन साल के कारोबार पर लगाया गया है।
30 दिन में जमा करानी होगी राशि
एनसीएलएटी ने आदेश दिया कि गूगल पहले ही अपील के दौरान 10 प्रतिशत जुर्माना जमा कर चुका है, अब उसे शेष राशि 30 दिन में जमा करानी होगी। एनसीएलएटी के फैसले के बाद देखा होगा कि गूगल इस निर्णय को स्वीकार करता है या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देता है।
गूगल ने आदेश पर रोक लगाने की थी मांग
गूगल ने एनसीएलएटी से संपर्क कर सीसीआई के 25 अक्टूबर, 2022 के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसमें उस पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था और गूगल को प्ले स्टोर में अपमानजनक गतिविधियों को रोकने और उनसे दूर रहने को कहा गया था।
यह मिलेगी राहत
1. ऐप डेवलपर्स को थर्ड पार्टी की बिलिंग और पेमेंट सर्विसेज का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलेगी। 2. गूगल डेवलपर्स पर कोई एंटी-स्टीयरिंग प्रतिबंध नहीं लगाएगा। वे अपने ऐप्स को प्रमोट कर सकेगे। 3. गूगल यूपीआइ भुगतान सेवाओं में किसी भी ऐप के साथ भेदभाव नहीं कर सकेगा।