उल्लेखनीय है कि सड़कों की बदहाली, मवेशियों की भीड़ और ढाबों के आसपास वाहनों के जमावड़े को लेकर जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हालत में सुधार न होने पर नाराजगी जताते हुए सवाल किया था कि शासन और विभाग क्या कर रहे हैं? कोर्ट ने पेंड्रीडीह बाइपास पर सड़क किनारे के ढाबे हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासन ने इस बाइपास सहित इससे जुड़े मार्गों पर बने अवैध ढाबों, दुकानों को हटाया है। उल्लेखनीय है कि ढाबों के सामने ख?े वाहनों से टकराकर आए दिन दुर्घटनाएं हो रहीं हैं और लोगों की जान जा रही है।
अप्रैल तक सड़कों का काम पूरा करने शासन ने दी थी जानकारी
पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शासन की ओर से बताया गया था कि , रायपुर के धनेली से सड्डू, जोरा तक जाने वाली सड़क पर तेजी से काम चल रहा है। 25 अप्रैल तक इसे पूरा कर लिया जायेगा। मालूम हो कि इसको लेकर 7 दिसंबर 2024 को मुख्य सचिव का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया था , इसमें धनेली से सड्डू तक 9.5 किलोमीटर सड़क की मरम्मत होने के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड्डू से जोरा के बीच सड़क के 7.5 किलोमीटर की सबसे खराब सड़क को उखाड़कर बनाने की बात कही गई थी। सड़कों के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट सहित शपथपत्र देने के निर्देश
प्रदेश की खराब सड़कों के मामले स्वत: संज्ञान याचिका पर भी मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सड़क परिवहन मंत्रालय को धनेली से नरहदा रोड और तिफरा से पेड्रीडीह रोड की स्थिति के बारे में शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश कोर्ट ने दिए। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सेंदरी जंक्शन के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश कोर्ट ने दिए।
उल्लेखनीय है कि
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में इन रेफरेंस रोड ऑफ छत्तीसगढ़ के मामले में हाईकोर्ट के स्व संज्ञान के साथ ही कुछ और जनहित याचिकाओं पर जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है। पूर्व में हुई सुनवाई में कोर्ट ने रायपुर के धनेली से सड्डू, जोरा तक जाने वाली सड़क के कार्य को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा था कि 6 महीने से ज्यादा समय हो गया, कितना समय लग रहा है सड़क को बनवाने में? साथ ही कोर्ट ने सेंदरी बाईपास के काम को लेकर भी नेशनल हाइवे प्रबंधन सहित अन्य को शपथपत्र में जवाब देने के निर्देश दिए थे।
मेंटल अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति का डिटेल देने के मुख्य सचिव को निर्देश
सेंदरी मेंटल हॉस्पिटल मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए
हाईकोर्ट ने रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव को डॉक्टरों की नियुक्ति के आकंड़े, नाम और तिथि के साथ शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए सेंदरी में एकमात्र मानसिक अस्पताल है। यहां अधिनियम के अनुसार प्रावधान और सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान भी लिया है। पिछली बार चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने सुनवाई करते हुए कहा था कि बार-बार समय दिए जाने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया की अनुपालन रिपोर्ट आज तक प्रस्तुत नहीं की गई है।