इस कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों ने विरोध किया, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के आगे उन्हें पीछे हटना पड़ा। दरअसल मोपका चौक के पास की शासकीय भूमि पर पहले कुछ लोगों ने अस्थायी रूप से ठेले, टीन शेड और लकड़ी की मदद से दुकानें बनाई थीं। देखते ही देखते ये कच्चे ठेले पक्की दुकानों में तब्दील हो गए। कई लोगों ने तो टीन, ईंट और सीमेंट से स्थायी निर्माण कर व्यवसाय शुरू कर दिया था। इससे न सिर्फ सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा हुआ, बल्कि यातायात और सफाई व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा था।
शुक्रवार को सुबह निगम की टीम जेसीबी और अमले के साथ मौके पर पहुँची और
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान कुछ दुकानदारों ने विरोध करते हुए कार्रवाई को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी में काम जारी रहा।
सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण तो होगी कार्रवाई
जोन कमिश्नर प्रवीण शर्मा ने बताया कि यह ज़मीन शासकीय है और उस पर अतिक्रमण कर व्यवसाय किया जा रहा था। कई बार मौखिक रूप से हिदायत देने के बाद भी जब अवैध निर्माण नहीं हटाए गए, तब निगम को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि आगे भी शहर के अन्य हिस्सों में सरकारी ज़मीन पर अति₹मण की शिकायतों पर इसी तरह की सख़्त कार्रवाई की जाएगी। जोन कमिश्नर ने बताया कि कब्जाधारियों को हिदायत दी गई है कि इस भूमि पर दोबारा निर्माण न करें, नहीं तो कार्रवाई होगी।