बुधवार को बीकानेर के जूनागढ़ में गणगौर के बारहमासी मेले में एक विदेशी सैलानी गणगौर को अपने सर पर रखकर ले जाती हुई। फोटो नौशाद अली
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बीकानेर जूनागढ़ किलेे में बुधवार को अद्भुत नजारा था। सुहागन महिलाएं काठ से बनी गणगौर, ईसर तथा भाया की प्रतिमाएं लिए वहां पहुंच रही थीं। इसी दौरान दो महिलाएं गणगौर के कान में अपने मन की बात कहते हुए भी दिखाई दीं। फोटो: नौशाद अली
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बीकानेर जूनागढ़ किलेे में बुधवार को अद्भुत नजारा था। सुहागन महिलाएं काठ से बनी गणगौर, ईसर तथा भाया की प्रतिमाएं लिए वहां पहुंच रही थीं। राजपरिवार की तरफ से खोलभराई की रस्म हुई। मेले जैसा समां बंधा। फोटो: नौशाद अली
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होलिका दहन के दूसरे दिन से चल रहे गणगौर पूजन उत्सव में बुधवार को बारहमासा गणगौर पूजन उत्सव संपन्न हो गया। घर-घर बारहमासा गणगौर प्रतिमाओं का पूजन कर पानी पिलाने व खोळा भरने की रस्म हुई। रियासतकालीन परंपरा के तहत जूनागढ़ प्रांगण में बारहमासा गणगौर का मेला भरा। पूर्व बीकानेर राज परिवार व रायसिंह ट्रस्ट की ओर से यहां पहुंची सभी गणगौर प्रतिमाओं के खोळा भरने की रस्म निभाई गई। जूनागढ़ में भरे मेले में शामिल होने के लिए गणगौर प्रतिमाएं ढोल-ताशों की लयबद्ध आवाजों और पारंपरिक गीत-नृत्यों के साथ जूनागढ़ पहुंचीं। महिलाओं ने अपने सिर पर गणगौर प्रतिमाओं को विराजित कर रखा था। बालिकाएं व य फोटो नौशाद अली
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जूनागढ़ में भरा मेला बीकानेर के जूनागढ में बारहमासा गणगौर मेले में पहुंची गणगौर प्रतिमाओं को अपने सिर पर रखकर नृत्य करती महिलाएं फोटो नौशाद अली