200 साल पुराना है चामुंडा धाम मंदिर का इतिहास
चामुंडा पवन धाम मंदिर का इतिहास लगभग 200 से 250 वर्ष पुराना बताया जाता है। स्थानीय निवासी पंडित रमाकांत और नवीन अग्रवाल के अनुसार, यह मंदिर श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है। हर साल नवरात्रि और रामनवमी के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
पीपल वाली माता मंदिर में संतान प्राप्ति की कामना
मोहल्ला जाटान में स्थित पीपल वाली माता का मंदिर भी भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र बना रहा। पूर्व सभासद शिव प्रकाश वाल्मीकि ने बताया कि इस मंदिर की जमीन एक मुस्लिम शादी ठेकेदार द्वारा दान में दी गई थी। नवरात्रि के दौरान संतान की कामना रखने वाली महिलाएं यहां कलावा और चुन्नी बांधती हैं। मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु मंदिर में भंडारे का आयोजन कर योगदान करते हैं। चाक-चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था
त्योहार के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सभी प्रमुख मंदिरों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। चांदपुर स्थित महाभारत कालीन मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। पुलिस बल और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा।