Bijapur News: बस्तर अंचल की सांस्कृतिक गरिमा और आस्था का प्रतीक, बीजापुर का पारंपरिक मेला इस वर्ष 13 अप्रैल से शुरू हो रहा है। चिकटराज देव समिति के तत्वावधान में आयोजित यह चार दिवसीय आयोजन 16 अप्रैल तक चलेगा।
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Bijapur News: बीजापुर के इस ऐतिहासिक मेले में जिले भर से देवी-देवताओं की उपस्थिति और परंपरागत धार्मिक अनुष्ठानों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक रंग देखने को मिलेंगे। मेले की सबसे खास और बहुप्रतीक्षित झलक 15 अप्रैल को देखने को मिलेगी, जब पारंपरिक मुख्य मड़ई और रोमांचक देव खेलनी का आयोजन होगा।
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Bijapur News: समिति और स्थानीय प्रशासन द्वारा इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, वहीं लोगों में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। चिकटराज देव समिति ने बताया कि मेले में बीजापुर जिले और आसपास के क्षेत्रों के प्रमुख देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है। इनमें गुज्जा देव (पोटेनार), कनपराज देव (गोंगला), पोतराज देव (चेरपाल), नंगा भीमा (गंगालुर) शामिल हैं।
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13 अप्रैल: विभिन्न क्षेत्रों से देवी-देवताओं का पारंपरिक विधि-विधान से आगमन। 14 अप्रैल: देवी-देवताओं का मिलन समारोह और चिकटराज देव द्वारा तहसील कार्यालय स्थित खजाने का निरीक्षण, साथ ही आकर्षक देव नृत्य प्रस्तुतियां। 15 अप्रैल: मुख्य मड़ई और देव खेलनी का आयोजन- यह दिन मेले का मुख्य आकर्षण होगा, जब हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करेंगे। 16 अप्रैल: देवी-देवताओं को विदाई देने के साथ समापन।
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Bijapur News: बीजापुर मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह जनजातीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक एकता का भी उत्सव है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन लोगों को एकजुट करने और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का कार्य करेगा।