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भोपाल

एमपी हेल्थ इन्वेस्टमेंट पॉलिसी से कस्बों में खुलेंगे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

मल्टीस्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल सिर्फ बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर तक ही सीमित नहीं रहेंगे। पांच लाख आबादी वाले छोटे कस्बे और पिछड़े व आदिवासी जिलों में भी सेहत की विशेष सुविधा मिलेगी।

भोपालFeb 28, 2025 / 08:34 am

Avantika Pandey

Super specialty hospitals

Super specialty hospitals

MP News : मध्यप्रदेश का हर कोना अब सेहतमंद होगा। मल्टीस्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल(Super specialty hospital) सिर्फ बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर तक ही सीमित नहीं रहेंगे। पांच लाख आबादी वाले छोटे कस्बे और पिछड़े व आदिवासी जिलों में भी सेहत की विशेष सुविधा मिलेगी। इन क्षेत्रों में निजी अस्पतालों के खुलने पर सरकार ने प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की है।
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सरकार ने 24 फरवरी से मप्र हेल्थ सेक्टर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी-2025(MP Health Investment Policy) लागू कर दी है। इसके तहत ए-श्रेणी के शहरों में अस्पताल खोलने पर सरकार इन्सेंटिव नहीं देगी, छोटे और आदिवासी जिलों में 40% तक कैपिटल सब्सिडी देगी। सरकार का दावा है कि इस पॉलिसी से निवेशक छोटे और मंझोले शहरों व कस्बों में अस्पताल खोलने के लिए आगे आएंगे।
अभी प्रदेश में 15,031 अस्पताल हैं। इनमें से 2,772 निजी अस्पताल हैं। हैरत यह है कि इतने निजी अस्पतालों में से भी 48 फीसदी यानी, 1,319 निजी अस्पताल सिर्फ 4 बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में ही हैं। ऐसे में दूरस्थ और छोटे कस्बाई इलाकों के मरीजों को इलाज कराने के लिए बड़े शहरों की दौड़ लगानी पड़ रही है। इस पॉलिसी से यह तस्वीर बदलेगी।

तीन श्रेणियों में मिलेगी छूट

ए- भोपाल- इंदौर, ग्वालियर-जबलपुर : निवेशक इन शहरों में अस्पताल बनाएंगे तो उन्हें इन्सेंटिव नहीं मिलेगा। यदि कोई संस्थान 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करता है, तो उसे कैबिनेट कमेटी फॉर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (सीसीआइपी) के सामने जाएगा। कमेटी छूट और जमीन आवंटन का फैसला करेगी।
बी- 5 लाख आबादी वाले कस्बाई नगर : यहां मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए कम से कम 100 बेड और सुपर स्पेशियलिटी के लिए 50 बेड वाले अस्पताल बनाने पर 30% सब्सिडी। मल्टी स्पेशियलिटी को 15 व सुपर स्पेशियलिटी में 12 करोड़ तक 7 किस्तों में मिलेंगे। 75 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव सीसीआइपी के पास जाएगा।
सी- पिछड़े और आदिवासी जिले : यहां मल्टीस्पेशियलिटी 100 बेड और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल 50 बेड का बनाने पर 40% कैपिटल सब्सिडी मिलेगी। मल्टी स्पेशियलिटी में 20 करोड़, सुपर स्पेशियलिटी पर 16 करोड़ तक 7 किस्तों में, 75 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव सीसीआइपी को। एनएबीएच सर्टिफिकेशन जरूरी।

प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति

  • 30 मेडिकल कॉलेज, इनमें 17 सरकारी-13 निजी।
  • 52 जिला अस्पताल
  • 161 सिविल अस्पताल
  • 348 सीएचसी
  • 1442 पीएचसी
  • 10,256 उप स्वास्थ्य केंद्र
  • 2,772 निजी अस्पताल
  • 1,319 निजी अस्पताल सिर्फ चार जिलों में ही

बुलंद सेहत के लिए ऐसे प्रावधान

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार निजी क्षेत्र की असमानता पाटना चाहती है। नई पॉलिसी में प्रदेश के शहरों को तीन श्रेणियों में बांटकर प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की है। श्रेणी-ए वाले जिलों में 500 करोड़ से अधिक और बी व सी श्रेणी के जिलों में 75 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट को सीएम की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी फॉर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (सीसीआइपी) का अनुमोदन जरूरी होगा।

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