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बीते वर्ष तीन साल की बच्ची(Minor Girl Rape in School) से स्कूल के शिक्षक के द्वारा दुराचार का मामला सामने आया था। शिक्षा विभाग से शिकायत हुई जिसके बाद स्कूल का संचालन सरकार ने अपने हाथ में लेते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया। किसी निजी स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में लेने का ये प्रदेश में पहला मामला था। बीच सेशन में बच्चों को पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए एक सेशन संचालन के निर्देश हुए। मान्यता आगे न बढ़ाने का फैसला उसी समय हो गया था। स्कूल की मान्यता 31 मार्च को समाप्त हो गई। इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रस्ताव को कलेक्टर ने निरस्त करते हुए संचालन पर रोक लगा दी। इस मामले में डीपीसी ओपी शर्मा ने बताया कि कमला नगर में यह स्कूल कक्षा 1 से 8 तक संचालित हो रहा था। स्कूल के संबंध में दो जांच टीमें बनाई गई थीं। दोनों ने लापरवाही की रिपोर्ट दी थी।
324 बच्चों को अपनी मर्जी से दूसरा स्कूल चुनने का विकल्प
स्कूल में आरटीई के तहत दर्ज 54 बच्चों को सरकारी स्कूल मिलेगा। वहीं फीस देकर पढ़ रहे बच्चे 324 बच्चे अपनी मर्जी के हिसाब से दूसरे स्कूल में जा सकते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा ये बच्चे अगर सरकारी स्कूलों में आना चाहे तो उन्हें एडमिशन दिया जाएगा।