सिंगरौली में कोयला उत्तर पूर्वी भाग में करीब 220 किमी क्षेत्र में है। भारत में आमतौर पर कोल सीम की मोटाई 30 मीटर तक की होती है लेकिन सिंगरौली में यह 138 मीटर तक की बताई गई है। यहां के झिंगुदरा में तो कोल सीम 162 मीटर तक की है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सिंगरौली के विस्थापन का जिक्र कर इसे फिर चर्चा में ला दिया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश की खनन राजधानी सिंगरौली को खनन के साथ विकास के मद्देनजर एक नए नगर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे करीब 50 हजार लोगों को नए और सुव्यवस्थित शहर की सुविधाएं मिल सकेंगी। हालांकि बजट में इसके लिए राशि की घोषणा नहीं की गई है।
नार्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड यहां कोयले के विशाल भंडार का खनन करेगी। इसके लिए एनसीएल को कोल इंडिया बोर्ड की मंजूरी मिल चुकी है। कोयला निकालने के लिए विशेष रूप से सिंगरौली के मोरवा इलाके से लोगों को हटाया जाएगा। क्षेत्र के करीब 22 हजार मकानों, दुकानों व अन्य इमारतों को तोड़ दिया जाएगा।