ये तबादले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के पहले किए जाने थे, लेकिन तब 42 को ही बदला गया था। बाकी के नाम होल्ड करने की अलग-अलग वजह थी। अब ऐसे नामों के साथ कुछ और नाम जोड़े जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक तबादलों के कई आधार हैं। कुछ व्यक्तिगत, कुछ परफॉर्मेंस से जुड़े हैं तो कुछ ऐसे भी अफसरों के नाम बताए जा रहे हैं जिन्हें एक ही स्थान पर लंबा समय हो रहा है। सरकार ने कई आइएएस अफसरों के तबादले किए हैं, पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के तबादले अपेक्षाकृत कम हुए हैं।
ये भी पढ़ें: एमपी में ‘पेंशनर्स’ की बल्ले-बल्ले, खातों में आएगी NPS की मिसिंग राशि यह होगा असर
-मंत्रालय स्तर पर कुछ विभागों को नए अफसर मिलेंगे। इनमें से कुछ तो वे होंगे, जिन्हें बीते कुछ महीने में पदोन्नतियां मिली है।
-अतिरिक्त प्रभार पर चल रहे पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभागों को स्थाई प्रशासनिकमुखिया मिल जाएंगे। -जिला स्तर पर कुछ मौजूदा कलेक्टरों को वापस बुलाकर, नए अफसरों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। -जिन आइएएस अधिकारियों से जुड़ी शिकायतें मंत्रालय में घूम रही है, उन्हें मौके नहीं देने के साथ ही अच्छे पदों पर नहीं बैठाया जाएगा, बल्कि ऐसे कुछ अफसरोंको मंत्रालय से बाहरभेजा जा सकता है।