Water Tax : अब पानी हुआ महंगा, 15% बढ़ा वाटर टैक्स
MP News : नगर निगम ने इसी हफ्ते वाटर टैक्स में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की, लेकिन गर्मी के बढ़ते ही पानी की आपूर्ति कम हो गयी है। राजधानी भोपाल में गर्मी के मौसम में पानी की खपत बढ़ गई है।
MP News : नगर निगम(Bhopal Nagar Nigam) ने इसी हफ्ते वाटर टैक्स(Water Tax) में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की, लेकिन गर्मी के बढ़ते ही पानी की आपूर्ति कम हो गयी है। राजधानी भोपाल में गर्मी के मौसम में पानी की खपत बढ़ गई है, लेकिन निगम पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। शहर के हिस्से में अन्य महीनों के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत कम पानी सप्लाई की जा रही है। राजधानी में नर्मदा और कोलार जलाशय से लगभग 70 प्रतिशत पानी की आपूर्ति होती है।
ऊपरी झील पानी की मांग का लगभग 30 प्रतिशत पूरा करती है। ट्रीटमेंट प्लांट से शहर को पानी की आपूर्ति 153 एमएलडी है, जबकि कोलार बांध से कोलार जल उपचार संयंत्र को कच्चे पानी की आपूर्ति 162 एमएलडी है।
पानी आपूर्ति के साधन: बीएमसी के साथ-साथ लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) शहर में पानी की आपूर्ति करता है। अपर लेक, कोलार जलाशय और नर्मदा नदी से पानी आता है। कोलार बांध से कच्चा पानी लगभग 36 पाइप लाइनों के माध्यम से जल उपचार संयंत्रों में पंप किया जाता है। 154 एमएलडी की क्षमता वाले संयंत्र में उपचार के बाद, पानी को फिर सर्विस जलाशय में पंप किया जाता है।
अपर लेक का जल स्तर 26 मार्च को 1662.1 फीट से घटकर 8 अप्रेल को 1661.65 फीट रहा गया। 13 दिनों में तालाब का जलस्तर स्तर 0.45 फीट कम हुआ। अप्रेल में बड़े तालाब से औसतन 101.68 एमजीडी पानी की निकासी हुई। 2 फरवरी से 26 मार्च (53 दिन) के बीच बड़े तालाब के जलस्तर में 1.9 फीट की कमी आई। इसके आधार पर फरवरी-मार्च में औसत 105.61 एमजीडी पानी तालाब से कम हुआ। जलस्रोतों में पानी कम होते ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी मॉनीटरिंग बढ़ा दी है। पानी की कमी होने पर गुणवत्ता में आ रहे असर पर ध्यान दिया जा रहा है। पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ब्रजेश शर्मा के मुताबिक सभी सोर्स से सैपलिंग की जा रही है। शहर की जल आपूर्ति प्रणाली की कुल क्षमता 514 एमएलडी है।