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भोपाल

लाड़ली बहनों के लिए 3000 हजार मांगना…भीख, ऐसा क्यों बोल गए पीसीसी चीफ

MP News: पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि लाड़ली बहनों के लिए 3000 मांगना, संकल्प-पत्र” पूरा करने की याद दिलाना। अधिकार की ऐसी आवाज को भाजपा मध्यप्रदेश यदि भीख कहती है।

भोपालMar 02, 2025 / 03:54 pm

Himanshu Singh

ladli behna yojana mp
MP News: मध्यप्रदेश से अब ठंड लगभग जा चुकी है। गर्मी का आभास होने लगा है। गर्मी का मौसम देख प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। मंत्री प्रहलाद पटेल में एक बयान पर पलटवार करते हुए पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि अधिकार की ऐसी आवाज को भाजपा मध्यप्रदेश यदि भीख कहती है, तो जनता को सोचना होगा कि वोट की भीख मांगने वाले, उसे सरेआम भिखारी कहने की हिम्मत कैसे कर रहे हैं?

क्यों और क्या बोले जीतू पटवारी


दरअसल, मंत्री प्रहलाद पटेल ने राजगढ़ की एक सभा में कहा था कि अब तो लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। नेता आते हैं, एक टोकना (टोकरी) तो कागज मिलते हैं उनको। मंच पर माला पहनाएंगे और एक पत्र पकड़ा देंगे। यह अच्छी आदत नहीं है। लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। मैं दावे से कहता हूं आप सुखी होंगे। और एक संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे।
जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए लिखा कि प्रदेशवासियों, मैं बड़ी विनम्रता से दोहराना चाहता हूं, अहंकार के इस चरम स्तर के लिए भाजपा को बड़ी और भारी संख्या में मिला, जनता का एकतरफा वोट भी है। नहीं तो, मप्र क्या पूरे देश में भाजपा के एक भी विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री यहां तक की प्रधानमंत्री की भी, इतनी हैसियत नहीं है कि जनता को “भिखारी” कह दे।

लाड़ली बहनों के लिए 3 हजार मांगना…भीख


कर्ज लेने से रोकना, कमीशन का विरोध करना, करप्शन के खिलाफ बोलना, अपने हक की लिखित मांग करना, किसान अधिकार की आवाज उठाना, लाड़ली बहनों के लिए 3000 मांगना, संकल्प-पत्र” पूरा करने की याद दिलाना। अधिकार की ऐसी आवाज को भाजपा मध्यप्रदेश यदि भीख कहती है, तो जनता को सोचना होगा कि वोट की भीख मांगने वाले, उसे सरेआम भिखारी कहने की हिम्मत कैसे कर रहे हैं?
आगे पटवारी ने लिखा कि यदि वोट की भीख मांगने वाले सत्ता के व्यापारी जनता को भिखारी कहकर भी कुर्सी पर बने रह सकते हैं, तो यह भी जनमत के अपमान की ऐतिहासिक पराकाष्ठा होगी। खुद को “प्रधान-सेवक” कहने की नौटंकी करने वाले यदि इस बार भी मुंह में दही जमा कर बैठ जाएंगे, तो जनता को अपने दर्द की कड़वी गोली खुद ही तैयार करनी पड़ेगी। मैं फिलहाल जनता की तरफ से, इतना ही कह सकता हूं कि, भाजपा का, भाग्य लिखने वाली। जनता भिखारी नहीं है।

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